Ice cold water side effects: गर्मी में बाहर घूमकर खूब प्यास लगती है. पसीना अधिक निकलने के कारण जरूरी भी है कि आप शरीर को हाइड्रेटेड रखें. ऐसे में आपको प्रतिदिन 10 से 12 गिलास पानी जरूर पीना चाहिए. हालांकि, कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो काफी चिल्ड पानी पीते हैं. एक गिलास में आधा पानी और आधा आइस क्यूब डालकर ठंडा पानी पीते हैं. बाहर चिलचिलाती धूप से घर आते ही फ्रिज का ठंडा पानी पीने लगते हैं. ऐसा उन्हें बिल्कुल नहीं करना चाहिए जिन्हें गले से संबंधित कोई समस्या हो. यदि आप भी ऐसा करते हैं तो इससे आपको कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं. चलिए जानते हैं बहुत अधिक बर्फ वाला पानी पीने के नुकसान क्या हो सकते हैं.
अधिक ठंडा पानी पीने के नुकसान (Barf wal pani peene ke nuksan)
1. इंडियनएक्सप्रेस में छपी एक खबर के अनुसार, हद से ज्यादा ठंडे पानी का सेवन बॉडी सिस्टम को काफी हद तक शॉक में डाल सकता है. खासकर, ठंडा पानी अधिक पीने से डाइजेस्टिव सिस्टम प्रभावित हो सकती है. इससे पेट दर्द, पाचन से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं. कुछ लोगों में गले की ब्लड वेसल्स में अस्थायी रूप से समस्या हो सकती है, जिससे इर्रिटेशन, दर्द हो सकता है.
2. जब आप गर्मी के मौसम में हर दिन चिल्ड वाटर का सेवन करते हैं तो आपको गले में इर्रिटेशन होने के साथ ही इंफ्लेमेशन की समस्या भी हो सकती है. जब आप भोजन करने के बाद बर्फ डला ठंडा पानी पीते हैं तो गले में बलगम बनने की समस्या शुरू हो सकती है. ऐसे में जिन्हें पहले से ही सर्दी-जुकाम, फ्लू, एलर्जी है, उनकी समस्या बलगम के कारण बहुत गंभीर हो सकती है.
3. बर्फ वाला पानी पीने से गले में ब्लड वेसल्स यानी रक्त वाहिकाएं सिकुड़ या संकुचित हो सकती हैं. इससे गले के हिस्से में रक्त का प्रवाह बाधित या थोड़ा कम हो सकता है. ऐसे में कोई संक्रमण होने पर ठीक होने की प्रक्रिया में भी समस्या आ सकती है. रक्त वाहिकाएं संकुचित होने से सूजन, ऐंठन, यहां तक कि कब्ज हो सकता है. ऐसे में बेहतर पाचन के लिए ठंडे पानी से परहेज करना ही बेहतर है.
4. ठंडे पानी के सेवन से गले की मांसपेशियों में भी तकलीफ शुरू हो सकती है. इससे आपको निगलने में परेशानी हो सकती है. खासकर, जिन्हें गले की समस्या है, वे तो भूलकर भी बर्फ वाला पानी ना पिएं. अधिक ठांडे पानी के सेवन से कुछ लोगों में गले में खराश, बंद नाक, रेस्पिरेटरी इंफेक्शन आदि हो सकती है.
5. कोल्ड वाटर के अधिक सेवन से हार्ट की गति में भी गिरावट आ सकती है. इस प्रभाव को दसवीं कार्नियल नर्व के एक्टिव होने के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता है. यह हार्ट रेट को रेगुलेट करने के लिए जिम्मेदार शरीर के ऑटोनोमस नर्वस सिस्टम का एक महत्वपूर्ण कम्पोनेंट है.
6. ठंडा पानी पीने से रीढ़ की हड्डियों की कई नसें ठंडी हो सकती हैं जो मस्तिष्क को प्रभावित करती हैं. इससे सिरदर्द शुरू हो सकता है. ये समस्या उनमें अधिक देखने को मिल सकती है जिन्हें साइनस, माइग्रेन है और ये लोग ठंड के प्रति संवेदनशील हैं तो समस्या अधिक तीव्र हो सकती है.
7. ठंडा पानी जब आप अधिक पीते हैं तो शरीर में जमे फैट को जलाने में बाधा आ सकती है. इससे वजन घटाने के आपके सारे प्रयास असफल हो सकते हैं. ऐसे में खाना खाने के तुरंत बाद ही ठंडा पानी पीने से खाए गए खाद्य पदार्थों से वसा जम जाती है. यदि वजन कम करना है तो भोजन के बाद कम से कम 30 मिनट तक ठंडे पानी के सेवन से बचें.
8. ठंडे पानी का सेवन दांतों की संवेदनशीलता में इजाफा हो सकती है. इससे आपको चबाने और पानी पीने में तकलीफ हो सकती है. जब बहुत अधिक ठंडी चीजों का सेवन करते हैं तो इससे आपके दांतों का इनेमल कमजोर हो सकता है. इससे सेंसिटिविटी हो सकती है.
नोट: ऐसे में गले की समस्या से ग्रस्त लोगों को गुनगुना पानी या नॉर्मल वॉटर ही पिएं. जिन्हें पहले से ही दांतों की संवेदनशीलता की समस्या है, उन्हें सादा या गुनगुना पानी पीने से आराम पहुंच सकता है.