चिंता और तनाव को एक समझने की ना करें गलती, दोनों में है जमीन आसमान का अंतर, ऐसे करें पहचान

Difference Between Stress And Anxiety: वैसे तो तनाव और चिंता यानी स्‍ट्रेस और एंग्‍जायटी के बीच के अंंतर को पहचानना आसान नहीं, लेकिन इनके बीच एक महीन रेखा होती है जो दोनों को अलग कर देती है. हालांकि अगर दोनों के लक्षणों पर गौर करें तो अंतर को आप बड़ी आसानी से पहचान सकते हैं और खुद की मानसिक परेशानियों को दूर करने का प्रयास बेहतर तरीके से कर सकते हैं. कहा जा सकता है कि बदलती दुनिया में हर वक्‍त भागदौड़, बढ़ती जिम्‍मेदारियां, खराब लाइफस्‍टाइल, एक जगह घंटों बैठकर काम करना जैसी चीजों ने मानसिक परेशानियों को बढ़ाने का काम किया है. इन्‍हीं मानसिक परेशानियों में से एक है स्‍ट्रेस का बढ़ना और दूसरा है हर वक्‍त एंग्‍जायटी महसूस होना. तो आइए जानते हैं कि दोनों के बीच क्‍या अंतर है और दोनों के क्‍या क्‍या लक्षण हैं.

तनाव और चिंता के लक्षण कैसे पहचानें(Symptoms of stress and anxiety)
तनाव के लक्षण
हेल्‍थलाइन के मुताबिक, चक्कर आना, मांसपेशियों में तनाव, मतली और दस्त जैसी डाइजेशन की समस्याएं, नींद न आना, गुस्सा या चिड़चिड़ापन, सिर दर्द, पसीना आना, बेचैनी, भूख न लगना, हार्ट बीट बढ़ जाना आदि तनाव के लक्षण हो सकते हैं.

चिंता के लक्षण
चिंता में भी तनाव जैसे लक्षण होते हैं लेकिन ऐसे लक्षण लंबे समय तक रहता है. इसके अलावा हर वक्‍त कुछ गलत होने का डर, हाथ पैर में सुन्‍नता जैसी फीलिंग, ब्रेन फॉग के लक्षण भी नजर आते हैं.

चिंता और तनाव में क्‍या है अंतर
दोनों के बीच सबसे बड़ा अंतर है ट्रिगर की उपस्थिति. मसलन, जब आपके बच्‍चे घर आते हैं तो परेशान करने लगते हैं तो आप तनाव झेलने लगते हैं, परीक्षा आने वाली है तो भी पास फेल होने को लेकर तनाव में आ जाते हैं. लेकिन चिंता की कोई वजह यानी ट्रिगर करने वाली चीज, हर बार सामने हो, ऐसा नहीं होता है.

क्‍या है चिंता और तनाव की वजह?
जब हम फिजिकल मेंटल प्रेशर महसूस करते हैं तो हमें स्‍ट्रेस यानी कि तनाव होता है. यह तनाव आमतौर पर जीवन में बड़े बदलाव से पहले महसूस होता है. जैसे, शादी होना, बच्‍चे का जन्‍म, नई जगह मूव करना, नई नौकरी, परिवार में किसी की मौत आदि.

इस तरह तनाव और चिंता दिखने में तो समान से लगते हैं, लेकिन दोनों में काफी अंतर होता है.  इस तरह आप अगर इन पर ध्‍यान दें और इन्‍हें दूर करने का प्रयास करें तो आप मानसिक परेशानी को बेहतर तरीके से ठीक कर सकते हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This will close in 0 seconds

error: Content is protected !!