doctor rape and murder : संजय ने दरिंदगी से पहले की एक और छेड़छाड़ और GF से मांगे थे न्यूड फोटो

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज की डॉक्टर के रेप और मर्डर केस के आरोपी संजय रॉय से पूछताछ में कई अहम खुलासे हुए हैं। खबर है कि रॉय ने रविवार को हुए पोलिग्राफ टेस्ट के दौरान अपना अपराध कबूल कर लिया। उसने लाई-डिटेक्टर टेस्ट में यह स्वीकार किया कि वह अपराध को अंजाम देने से पहले अपने एक दोस्त के साथ कोलकाता के ही रेड लाइट एरिया गया था। हालांकि यहां उसने सेक्स नहीं किया था। यही नहीं उसी रात उसने एक लड़ी से छेड़छाड़ भी की थी। एक मीडिया रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। यही नहीं इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार संजय रॉय ने उसी रात अपनी गर्लफ्रेंड को भी वीडियो कॉल किया था और उससे न्यूड तस्वीरें मंगाई थीं।
घटना वाली रात को उसने अपने दोस्त के साथ जमकर शराब पी। इसके बाद वे रेड लाइट एरिया में गए। वहां से दोनों दक्षिण कोलकाता के एक और रेड लाइट एरिया चेतला पहुंचे। वह जब चेतला जा रहे थे तो इस दौरान रास्ते में मिली एक लड़की से छेड़छाड़ भी की थी। इसके बाद वे अस्पताल लौट आए। संजय रॉय कॉरिडोर में सुबह करीब 4 बजे पहुंचा, जो सेमिनार हॉल के पास ही था। यहीं पर पीड़िता डॉक्टर सोने के लिए गई थी ताकि लगातार करीब 36 घंटे से चल रही ड्यूटी के बाद कुछ आराम किया जा सके। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि यही वह समय था, जब संजय रॉय ने घटना को अंजाम दिया।
उन्होंने कहा कि वारदात को अंजाम देने के बाद संजय रॉय अपने एक दोस्त अनुपम दत्ता के पास चला गया था। संजय रॉय ने पूछताछ के दौरान कई बार झूठ बोला और एजेंसी को भटकाने की कोशिश की, जिसे पोलिग्राफ मशीन ने पकड़ भी लिया। सीबीआई ने आरोपी संजय की साइकोएनालिसिस प्रोफाइल भी तैयार कराई, जिसके अनुसार वह पोर्नोग्राफी की लत का शिकार था। उसके फोन में भी बहुत सी पोर्न क्लिप्स पाई गई हैं। महिला डॉक्टर सेमिनार हॉल में आराम कर रही थी, जहां उसके साथ रेप और मर्डर की घटना को अंजाम दिया गया। इस वारदात से बंगाल समेत पूरे देश में गुस्से का माहौल है।

डॉक्टर के शरीर पर मिले जख्म के 25 निशान, कई अंदरुनी चोटें

अब तक हुई जांच के अनुसार डॉक्टर के शरीर पर जख्म के 25 बड़े निशान मिले। इसके अलावा कई आंतरिक चोटें भी थीं। सीबीआई इस मामले में कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष के खिलाफ भी जांच कर रही है। बीते सप्ताह इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में भी हुई थी। इस दौरान अदालत ने कहा था कि आखिर ऐसे केस में एफआईआर दर्ज करने में 12 घंटे कैसे लग गए। अदालत ने कहा कि आखिर क्यों प्रिंसिपल ने मर्डर और रेप के केस को आत्महत्या का मामला बताने की कोशिश की।

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