राष्ट्रीय सेवा योजना माखनलाल चतुर्वेदी महाविद्यालय में द्वितीय जिला स्तरीय बैठक सम्पन्न

श्री माखनलाल चतुर्वेदी शासकीय महाविद्यालय, माखननगर में आज राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) की द्वितीय जिला स्तरीय बैठक का आयोजन किया गया। बैठक का संचालन जिला नर्मदापुरम के राष्ट्रीय सेवा योजना के जिला संगठक प्रो. दिग्विजयसिंह खत्री द्वारा किया गया। यह बैठक ऑनलाइन मोड पर आयोजित की गई, जिसमें जिले के विभिन्न महाविद्यालयों से जुड़े रासेयो कार्यक्रम अधिकारियों की सक्रिय भागीदारी रही।

राष्ट्रीय सेवा योजना

ऑनलाइन मोड में हुई संगोष्ठी

प्रो. खत्री ने बैठक की शुरुआत राष्ट्रीय सेवा योजना के उद्देश्य और उसकी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालते हुए की। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय सेवा योजना केवल एक शैक्षणिक गतिविधि भर नहीं है, बल्कि यह विद्यार्थियों को सामाजिक उत्तरदायित्व का अनुभव कराने का एक प्रभावी माध्यम है। इस बैठक में राष्ट्रीय सेवा योजना मुक्त इकाई के कार्यक्रम अधिकारी श्री राहुल सिंह परिहार तथा जिले के अन्य महाविद्यालयों के रासेयो कार्यक्रम अधिकारी शामिल हुए।

स्थापना दिवस की तैयारी पर जोर

बैठक का मुख्य एजेंडा आगामी 24 सितंबर को मनाया जाने वाला राष्ट्रीय सेवा योजना स्थापना दिवस रहा। प्रो. खत्री ने सभी अधिकारियों से आग्रह किया कि इस बार स्थापना दिवस को वृहत रूप में आयोजित किया जाए, ताकि अधिक से अधिक विद्यार्थी इसमें शामिल होकर सामाजिक दायित्व की भावना को आत्मसात कर सकें। इस अवसर पर विभिन्न प्रकार की गतिविधियाँ जैसे—प्रभात फेरी, निबंध एवं वाद-विवाद प्रतियोगिता, वृक्षारोपण, स्वच्छता अभियान तथा रक्तदान शिविर जैसी योजनाओं पर चर्चा की गई।

वर्षभर की गतिविधियों पर विचार-विमर्श

बैठक में वर्षभर आयोजित होने वाली गतिविधियों पर भी गहन चर्चा हुई। इसमें ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य जागरूकता अभियान, महिला सशक्तिकरण से जुड़े कार्यक्रम, साक्षरता अभियान, पर्यावरण संरक्षण की पहल तथा युवाओं में नशा मुक्ति जागरूकता जैसे मुद्दों पर केंद्रित गतिविधियाँ प्रस्तावित की गईं। प्रो. खत्री ने कहा कि यदि एनएसएस के स्वयंसेवक इन कार्यक्रमों में सक्रियता से भाग लेते हैं, तो न केवल समाज को लाभ होगा, बल्कि विद्यार्थियों का व्यक्तित्व भी बहुआयामी विकास की ओर अग्रसर होगा।

अधिकारियों की भागीदारी और सुझाव

बैठक में शामिल कार्यक्रम अधिकारियों ने भी अपने-अपने विचार और सुझाव प्रस्तुत किए। श्री राहुल सिंह परिहार ने कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना छात्रों को शिक्षा के साथ-साथ समाज सेवा का व्यावहारिक अनुभव प्रदान करती है। यह अनुभव उन्हें भविष्य में बेहतर नागरिक बनने की दिशा में प्रेरित करता है। अन्य अधिकारियों ने सुझाव दिया कि एनएसएस गतिविधियों को स्थानीय समस्याओं से जोड़कर योजनाबद्ध तरीके से क्रियान्वित किया जाए, ताकि उसका प्रभाव प्रत्यक्ष रूप से समाज में देखा जा सके।

समाज सेवा की दिशा में कदम

बैठक में इस बात पर भी जोर दिया गया कि राष्ट्रीय सेवा योजना केवल कॉलेज परिसरों तक सीमित न रहे, बल्कि गांव-गांव तक पहुँचकर समाज की ज्वलंत समस्याओं को हल करने की दिशा में योगदान दे। उदाहरण के तौर पर, जल संरक्षण, कचरा प्रबंधन, डिजिटल साक्षरता, और ग्राम विकास से जुड़े प्रकल्पों को आगे बढ़ाने पर विशेष बल दिया गया। इस प्रकार के कार्यक्रम विद्यार्थियों को न केवल सेवा भाव सिखाते हैं, बल्कि नेतृत्व क्षमता, टीमवर्क और प्रबंधन कौशल का भी विकास करते हैं।

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भविष्य की रूपरेखा

बैठक में यह भी तय किया गया कि जिला स्तरीय समन्वय को और अधिक मजबूत किया जाएगा। इसके लिए समय-समय पर वर्चुअल मीटिंग्स आयोजित की जाएंगी, जिनमें आगामी कार्यक्रमों की समीक्षा और मूल्यांकन किया जाएगा। साथ ही जिला स्तर पर आयोजित होने वाली प्रतियोगिताओं और कार्यशालाओं में एनएसएस स्वयंसेवकों की व्यापक भागीदारी सुनिश्चित करने की योजना बनाई गई।

राष्ट्रीय सेवा योजना की द्वितीय जिला स्तरीय बैठक ने यह स्पष्ट कर दिया कि आने वाले समय में एनएसएस की गतिविधियाँ अधिक संगठित, योजनाबद्ध और प्रभावी रूप से संचालित होंगी। 24 सितंबर को होने वाला स्थापना दिवस इस दिशा में एक बड़ा अवसर होगा, जिसमें जिलेभर के महाविद्यालय और विद्यार्थी अपनी सक्रिय भूमिका निभाएँगे।

कार्यक्रम के अंत में प्रो. दिग्विजयसिंह खत्री ने सभी अधिकारियों का धन्यवाद ज्ञापित किया और इस विश्वास के साथ बैठक का समापन किया कि राष्ट्रीय सेवा योजना समाज सेवा और विद्यार्थी विकास के क्षेत्र में नये आयाम स्थापित करेगी।

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