Denvapost Exclusive : यह कैसी जांच? रसूखदार अंदर, किसान और मीडिया बाहर!

भोपाल से आई टीम ने आदिदेव वेयरहाउस में की जांच, लेकिन पारदर्शिता पर उठे गंभीर सवाल

माखन नगर/भोपाल | विशेष रिपोर्ट – Denvapost

शनिवार दोपहर लगभग तीन बजे भोपाल से आई एक टीम सेवा सहकारी समिति बाहरपुर और आदिदेव वेयरहाउस में अमानक मूंग की जांच के लिए पहुंची। जांच की सूचना मिलने पर मीडिया प्रतिनिधि और कुछ किसान भी मौके पर पहुंचे, लेकिन उन्हें वेयरहाउस के भीतर प्रवेश नहीं करने दिया गया। टीम द्वारा यह कहा गया कि जांच स्थल पर केवल टीम सदस्य, वेयरहाउस और समिति के अधिकृत कर्मचारी ही मौजूद रह सकते हैं।

लेकिन सबसे बड़ा सवाल यही है कि जब मीडिया और किसानों को बाहर रखा गया, तब कुछ रसूखदार लोग अंदर कैसे मौजूद थे? और उनकी मौजूदगी में की गई जांच की निष्पक्षता पर अब सवाल उठाए जा रहे हैं।

जांच दल में ये अधिकारी रहे शामिल:

संतोष सोलंकी – क्षेत्रीय प्रबंधक

जे. के. सक्सेना – सहायक गुणवत्ता निरीक्षक

डी. के. हवलदार – क्षेत्रीय प्रबंधक

राजेश अग्रवाल – क्षेत्रीय प्रबंधक

अनिल तिवारी – सहायक गुणवत्ता निरीक्षक

नीरज – गुणवत्ता निरीक्षक

सूत्रों की पुष्टि: स्टेक में अमानक मूंग और 3300 बोरी की अधिक बिलिंग

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, आदिदेव वेयरहाउस में अमानक मूंग स्टेक में पाई गई। वहीं, लगभग 3300 बोरियों की अतिरिक्त बिलिंग सामने आई है, जिसकी अनुमानित राशि करीब ₹1.40 करोड़ बताई जा रही है।

इस अनियमितता को समिति किस तरह “एडजस्ट” करेगी, यह Denvapost के पाठकों को बताने की जरूरत नहीं — पाठक खुद समझदार हैं।

टीम के किसी भी सदस्य ने मीडिया से बातचीत करने से साफ इनकार कर दिया और पूरी कार्रवाई को सिर्फ “रूटीन चेकअप” बताया।

एक अगस्त का पंचनामा और पुराने आरोप

एक अगस्त को NCML के क्लस्टर हेड और सुपरवाइजर द्वारा आदिदेव वेयरहाउस का निरीक्षण किया गया। यह खरीदी सेवा सहकारी समिति बाहरपुर द्वारा की जा रही थी। निरीक्षण के समय:

रनिंग स्टेक-19 में करीब 80–90 बोरी अमानक मूंग पाई गई

पूर्व में भी नेफेड और जिला उपार्जन समिति द्वारा इसी वेयरहाउस में अमानक खरीदी की पुष्टि की जा चुकी है

सर्वेयरों द्वारा बार-बार मना करने के बावजूद समिति द्वारा अमानक मूंग की खरीदी जारी रही

समिति को कई बार गुणवत्ता सुधार के निर्देश दिए गए, लेकिन पालन नहीं किया गया

अंततः सर्वेयर ने चालान रिजेक्ट करने का निर्देश जारी किया

तो क्या यह जांच महज दिखावा थी?

जब किसानों और मीडिया को बाहर रखकर जांच की जाए, और रसूखदार लोग अंदर मौजूद रहें, तो निष्पक्षता अपने आप संदेह के घेरे में आ जाती है।

क्या ये जांच वास्तव में अमानक खरीदी के दोषियों को बेनकाब करेगी, या फिर पहले की तरह यह भी “दफन” कर दी जाएगी?

पाठकों से अपील:

> अगर आप यह जानना चाहते हैं कि जांच के समय वेयरहाउस में कौन-कौन रसूखदार मौजूद थे, तो इस रिपोर्ट को लाइक करें, शेयर करें और कॉमेंट करें।

आपकी आवाज़ से ही सच्चाई सामने आएगी।

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