अब तक चार बार नीलामी प्रक्रिया बदली गई है, लेकिन सफलता नहीं मिली। पहले रिन्यूवल, लॉटरी सिस्टम और एकत्रीकरण ठेका की प्रक्रिया अपनाई गई थी, लेकिन कोई भी ठेकेदार इसमें रुचि नहीं ले रहा था। इसके चलते आबकारी विभाग को नया तरीका अपनाना पड़ा।
नई टेंडर प्रक्रिया लागू, 13 मार्च तक बोली
अब जिले की 58 दुकानों को सात ग्रुप में बांटकर 10 मार्च से 13 मार्च तक ऑनलाइन टेंडर प्रक्रिया चलाई जा रही है। इससे सरकार को 20% अधिक राजस्व मिलने की उम्मीद है। इस बार 322.70 करोड़ रुपए का राजस्व लक्ष्य रखा गया है।
बड़े समूह की नीलामी असफल, छोटे ठेकेदारों को मौका
पहले सभी दुकानों को एक ही समूह में देने से छोटे ठेकेदार रेस से बाहर हो गए थे। साथ ही इतनी बड़ी राशि जुटाना भी संभव नहीं था, इसलिए अब सात छोटे ग्रुप बनाकर ठेका दिया जा रहा है।
31 मार्च को खत्म हो रहा मौजूदा ठेका
31 मार्च 2025 को मौजूदा ठेका समाप्त हो जाएगा, जिसके बाद 1 अप्रैल से नया ठेका लागू होगा। आसपास के जिलों में ठेके दे दिए गए हैं, लेकिन दमोह में अब सात ग्रुप की नई टेंडर प्रक्रिया के तहत ठेका दिया जाएगा। इससे छोटे ठेकेदारों को भी अवसर मिलेगा और सरकार को अधिक राजस्व प्राप्त होगा।