Damoh News: फेल हुआ पायलट प्रोजेक्ट, एक साल से बंद पड़े ट्रैफिक सिग्नल, सड़क पर लग रहा जाम

Damoh Pilot project failed, traffic signals remained closed for a year, jam on the road

बंद पड़े ट्रैफिक सिग्नल

दमोह में पायलट प्रोजेक्ट के तहत घंटाघर से ट्रैफिक सिग्नल लगाने की शुरुआत की गई थी, लेकिन यह सिग्नल एक साल से बंद पड़े हैं। इस कारण शहर के अन्य स्थानों पर यह सिग्नल नहीं लगाए जा सके। घंटाघर पर सबसे ज्यादा यातायात का दबाव रहता है। यहां पर पांच मार्ग जुड़े हुए हैं और लोग कहीं से भी अपने वाहन निकाल देते हैं। इससे जाम के हालात बन जाते हैं।

घंटाघर पर यातायात को नियंत्रित करने के लिए लगाए गए ट्रैफिक सिग्नल बीते एक साल से बंद पड़े हैं। इन्हें चालू कराने न तो नगर पालिका ध्यान दे रही है न ही यातायात विभाग। इससे लोग मनमर्जी से वाहन चलाते हुए नजर आते हैं। त्योहार के दौरान यहां पर भीड़ अधिक बढ़ जाती है। नगर पालिका द्वारा वर्ष 2022 में साढ़े चार लाख रुपए खर्च कर घंटाघर पर ट्रैफिक सिग्नल लगवाए थे, लेकिन यह सिग्नल केवल शोभा बढ़ाने का काम कर रहे हैं। इनमें चार बार तकनीकी खराबी आ चुकी है, जिन्हें ठीक कराया जाता है और उसके बाद वह फिर से खराब हो जाते हैं, लेकिन पिछले एक साल से इन्हें नहीं सुधरवाया गया। शहर में यातायात पुलिस कर्मियों की पहले से ही कमी बनी हुई है। ऐसे में यदि ट्रैफिक सिग्नल चालू हो जाएं तो काफी हद तक यातायात नियंत्रित हो सकता है।

घंटाघर पर ट्रैफिक सिग्नल लगाने की जिम्मेदारी सागर की बालाजी ट्रेडर्स को दी गई थी, लेकिन दो माह बाद ही ये खराब हो गए। दो माह तक बंद रहे। जैसे-तैसे पुनः चालू कराया गया, लेकिन इनकी वायरिंग जल गई। इसके बाद फिर बंद हो गए और फिर एजेंसी सुधारने नहीं आई। इसके बाद एक साल पहले नगर पालिका द्वारा एजेंसी को नोटिस जारी किया गया। फिर भी कंपनी के इंजीनियर नहीं आए। जिस पर एफआईआर के निर्देश दिए गए।

सात चौराहों पर लगाए जाने थे सिग्नल

वर्ष 2017-18 में नगर पालिका द्वारा पायलट प्रोजेक्ट के तहत 70 लाख रुपए की लागत से शहर के सात प्रमुख चौराहों पर ट्रैफिक सिग्नल लगवाने का प्रस्ताव बनाया गया था। इसमें घंटाघर के अलावा बस स्टैंड चौराहा, किल्लाई नाका, तीन गुल्ली चौराहा, स्टेशन चौराहा, पलंदी चौराहा, कीर्ति स्तंभ चौराहा, अस्पताल चौराहा पर ट्रैफिक सिग्नल लगाए जाने थे।

स्कूल के समय लगता है जाम

घंटाघर के अलावा शहर के अन्य चौराहों पर भी दिन भर यातायात का दबाव रहता है। स्कूल लगने के समय एवं छुट्टी के समय तो एकाएक हजारों छात्र-छात्राओं के झुंड एक साथ चौराहों से निकलते हैं। जिससे जाम के हालात बन जाते हैं। इधर अमले की कमी की वजह से सभी चौराहों पर ट्रैफिक कर्मी तैनात करना भी संभव नहीं रहता। यातायात प्रभारी दलबीर सिंह मार्को का कहना है कि घंटाघर पर बंद पड़े ट्रैफिक सिग्नल नगर पालिका द्वारा लगवाए गए थे। जिन्हें चालू कराने के लिए पत्र लिखा है। प्रभारी सीएमओ रितु पुरोहित का कहना है कि घंटाघर पर बंद पड़े ट्रैफिक सिग्नल को चालू कराने के लिए ठेकेदार को बुलाया गया है। जल्द ही सुधरवाया जाएगा।

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