Damoh News: गैस सिलेंडर की तरह उपभोक्ताओं के खाते में आएगी बिजली बिल की सब्सिडी राशि, केवाईसी का काम शुरू

Damoh Like gas cylinder subsidy amount of electricity bill will come in consumers account KYC work started

केवाईसी का काम करते कर्मचारी

अभी तक घरेलू गैस सिलेंडर लेने वाले उपभोक्ताओं के खाते में सब्सिडी की राशि आती थी, लेकिन अब बिजली बिल में मिलने वाली सब्सिडी की राशि भी उपभोक्ताओं के खातों में ही पहुंचेगी। इसके लिए बिजली कंपनी के द्वारा उपभोक्ताओं की केवाईसी कराई जा रही है, जिसमें उनकी समग्र आईडी और आधार कार्ड को लिंक किया जा रहा है। जल्द ही यह काम पूरा हो जाएगा और उपभोक्ता को जो सब्सिडी के तरह बिल में राशि मिलती है, वह सीधे उनके खाते में पहुंच जाएगी।

इस सब्सिडी की राशि को समझने का सीधा फार्मूला यह है कि जिस प्रकार से गैस सिलेंडर लेते समय उपभोक्ताओं को पूरा पैसा देना पड़ता है और सब्सिडी की राशि उनके खातों में पहुंचती है। इस तरह जितना भी बिजली बिल आएगा उसका पूरा भुगतान उपभोक्ता को करना पड़ेगा और शासन द्वारा जो सब्सिडी दी जाती है, उतनी राशि उनके खातों में पहुंच जाएगी।

कार्यपालन अभियंता एमएल साहू ने बताया, मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के द्वारा यह कार्य किया जा रहा है। अब बिजली उपभोक्ताओं को भी केवाईसी करनी होगी। उससे उपभोक्ताओं की जानकारी को अपडेट किया जाएगा, जिस तरह से सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र के बैंकों द्वारा अपने ग्राहकों से केवाईसी कराई जाती है। ठीक उसी तरह बिजली कंपनी भी अपने उपभोक्ताओं को सुविधा देने एवं राज्य शासन की योजनाओं का लाभ देने के लिए केवाईसी करने जा रही है। इससे राज्य शासन की योजनाओं से मिलने वाली सब्सिडी उपभोक्ताओ को सीधा बैंक खाते में जाएगी।

शहर में बिजली उपभोक्ताओं के विद्युत संबंधी व्यक्तिगत विवरण को कंपनी के रिकॉर्ड में अपडेट करने के लिए केवाईसी प्रक्रिया शुरू की गई है। उपभोक्ताओं की व्यक्तिगत जानकारी जैसे समग्र आईडी, मोबाइल नंबर एवं बैंक खाता को अपडेट किया जाएगा। बिजली कंपनी को उपभोक्ताओं की सही पहचान और मोबाइल नंबर को सटीक रूप से टैग करने में मदद मिलेगी ताकि शासन द्वारा जो सब्सिडी दी जा रही वो सीधे बिजली उपभोक्ता के खाते में पहुंचे। कार्यपालन अभियंता एमएल साहू ने बताया कि अभी तक जिले में 5000 उपभोक्ताओं की केवाईसी की गई है। बिजली कंपनी के कर्मचारी उपभोक्ताओं के घर,घर जाकर यह काम कर रहे हैं। ताकि सही उपभोक्ता की पहचान हो सके।

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