इस तरह खुले में पढ़ रहे बच्चे।
दमोह जिले के हटा विकासखंड के देवरी फतेहपुर में 21 साल बाद भी हाई स्कूल भवन का निर्माण नहीं हो पाया है। ऐसा तब है जब दस साल पहले गांव के किसान ने स्कूल के जमीन भी दान दे दी थी। स्कूल शिक्षा विभाग ने उन्नयन कर माध्यमिक स्कूल को हाई स्कूल तो बना दिया गया, लेकिन इससे 21 साल बीत जाने के बाद स्कूल को स्वयं का भवन उपलब्ध नहीं हो सका है।
दरअसल, माध्यमिक स्कूल देवरी फतेहपुर का उन्नयन बर्ष 2002 में हाई स्कूल देवरी फतेहपुर में कर दिया गया था। इस स्कूल में करीब चार से पांच किलोमीटर दूर तक के बच्चे पढ़ने आते हैं। वर्तमान में एक शाला एक परिसर होने के चलते इस स्कूल में करीब 350 बच्चे दर्ज है। कक्षा पहली से दसवीं तक दस कमरों की आवश्यकता है, लेकिन यहां पर सिर्फ सात कमरे ही उपलब्ध हैं। ऐसी स्थिति में बच्चों को टीनशैड या स्कूल मैदान में ही ब्लैक बोर्ड रखकर पढ़ाई कराई जा रही है।
ऐसा तब है जब स्कूल शिक्षा विभाग बच्चों की पढ़ाई के लिए नित नए प्रयोग कर रहा है। इन प्रयोगों के लिए स्कूल में पर्याप्त जगह की आवश्यकता होती है। लेकिन, स्कूल में पर्याप्त जगह नहीं होने के कारण बच्चों को पढ़ाई करने में भी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।
जानकारी के अनुसार गांव में शासकीय जमीन नहीं होने पर गांव के किसान जुगल किशोर पटेल ने 0.06 हेक्टेयर जमीन स्कूल शिक्षा विभाग को बर्ष 2014 में दान दी थी, जिसका नामांतरण भी हो चुका है। स्कूल भवन निर्माण नहीं होने से परेशान इनके भाई वर्तमान जनपद पंचायत सदस्य गंगाराम पटेल ने कहा कि अगर, स्कूल शिक्षा विभाग को दान में दी गई जमीन कम पड़ रही हो तो हम एक एकड़ जमीन दान दें सकते हैं। लेकिन, स्कूल का निर्माण जल्द से जल्द किया जाना चाहिए।
साल 2019 -20 में भवन निर्माण का कार्य शुरू किया गया था। लेकिन गड्ढे खोदने के बाद ठेकेदार ने कोई कार्य नहीं कराया गया। ऐसे में स्कूल निर्माण की आस एक बार फिर अधूरी रह गई थी। स्कूल प्राचार्य लक्ष्मीकांत डिम्हा ने बताया कि स्कूल द्वारा लगातार पत्र लिखकर बिल्डिंग की आवश्यकता वरिष्ठ अधिकारियों को बताई जा रही है। बच्चों की दर्ज संख्या के हिसाब से जगह कम है, बच्चों को बैठाने के लिए टीनशैड का उपयोग कर रहे हैं।