सीएमएचओ ने पुलिस को दिया प्रतिवेदन
सीएमएचओ डॉ. मुकेश जैन ने रविवार रात करीब एक बजे कोतवाली पहुंचकर आरोपी डॉक्टर के खिलाफ अपना प्रतिवेदन दिया। उन्होंने बताया डॉक्टर नरेन्द्र जान केम के द्वारा मध्य प्रदेश मेडिकल काउंसल में बिना पंजीयन के मिशन अस्पताल में एन्जियोग्राफी और एन्जियोप्लास्टी कर धोखाधड़ी की है, जो जांच में सामने आया है। डॉक्टर के मेडिकल दस्तावेज रजिस्ट्रेशन की साइड पर नहीं दिख रहे उक्त रजिस्ट्रेशन प्रथम दृष्टया संदेहास्पद प्रतीत हो रहा है। साथ ही मप्र मेडिकल काउंसिल में बिना पंजीयन के कोई भी चिकित्स मध्यप्रदेश में अपनी सेवाएं नहीं दे सकता है। इस संबंध में मिशन अस्पताल द्वारा कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराये गए हैं। इस संबंध में नियमानुसार कार्रवाई के लिए पुलिस अधीक्षक दमोह को प्रतिवेदन भेजा गया है।
इन धाराओं में दर्ज हुआ मामला
सीएसपी अभिषेक तिवारी ने बताया प्रतिवेदन में उल्लेखित तथ्य के आधार पर डॉक्टर नरेन्द्र जान केम और अन्य के विरुद्ध धारा 318 (4),338, 336(3) 340(2)3 (5) वीएनएस, मप्र आयुर्वेज्ञान परिषद अधिनियम 1987 की धारा 24 का अपराध घटित करना पाए जाने से मामला दर्ज कर विवेचना में लिया गया है। सोमवार को जांच के लिए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम दमोह सर्किट हाउस आ रही है। टीम 7 और 8 अप्रैल को मृतकों के परिजनों के बयान दर्ज करेगी। इसमें बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष को भी बुलाया गया है।
इनकी हुई मौत
- सत्येन्द्र सिंह राठौर पिता हामिर सिंह राठौर निवासी लाडनबाग, हथना।
- रहीसा बेगम पति यूसुफ खान निवासी पुराना बाजार नंबर 2, दमोह।
- इजरायल खान, निवासी डॉ. पसारी के पास, दमोह।
- बुधा अहिरवाल निवासी बरतलाई, पटेरा।
- मंगल सिंह राजपूत पिता गजेन्द्र सिंह राजपूत निवासी बरतलाई, पटेरा शामिल हैं।
दो महीने पहले की थी शिकायत
बाल कल्याण समिति अध्यक्ष दीपक तिवारी ने बताया एनजोन केएम नाम के डॉक्टर ने जनवरी, फरवरी 2025 में करीब 15 हार्ट मरीजों की सर्जरी (एंजियोप्लास्टी) की। इनमें से 7 मरीजों की मौत हो गई। कुछ परिजन संपर्क में आए थे, जिसके बाद फरवरी में सीएमएचओ मुकेश जैन से शिकायत की। उन्होंने गंभीरता से नहीं लिया, तो मार्च में राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग से शिकायत कर दी।