Damoh News: आखिरकार करोड़ों की लकड़ी की हुई ऑफलाइन नीलामी, खरीददारों को नहीं समझ आई ऑनलाइन प्रक्रिया

Damoh News: Auction of wood worth crores completed through offline process at Tendukheda forest depot

तेंदूखेड़ा वन डिपो में रखी जंगल की लकड़ी।

Auction Of Wood Worth Crores Completed Through Offline Process : जिले के तेंदूखेड़ा वन डिपो में रखी करोड़ों रुपये की लकड़ी की नीलामी प्रक्रिया ऑफ लाइन तरीके से शनिवार को पूरी की गई। खरीददारी करने प्रदेश के कई जिलों से खरीददार पहुंचे। इस मुद्दे को अमर उजाला ने प्रमुखता से उठाया था। दरअसल ऑन लाइन प्रक्रिया की वजह से लकड़ी का विक्रय नहीं हो पा रहा जिसे अधिकारियों ने गंभीरता से लिया और शासन को पत्राचार कर यह प्रक्रिया ऑफ लाइन तरीके से पूरी कराई।

बता दें जंगल की लकड़ी रेंजो से एकत्रित करके डिपो आती है और उसके बाद उस लकड़ी की नीलामी होती है। विक्रय की प्रकिया पहले ऑफ़ लाइन होती थी, लेकिन दो साल पूर्व वन विभाग की ओर से इस प्रकिया को ऑनलाइन कर दिया गया। उसके बाद लकड़ी की आवक तो डिपो में लगातार हो रही थी, लेकिन बिक्री पूर्ण रूप से बंद थी, क्योंकि जो लोग डिपो से लकड़ी खरीदी करते हैं उनको ऑनलाइन प्रकिया समझ में नहीं आ रही थी।

नवंबर माह में इस मामले की जानकारी अमर उजाला को लगी और इस मामले को प्रमुखता से उठाया गया। दमोह वनमंडल अधिकारी ईश्वर जरांडे को पूरे मामले से अवगत कराया। उन्होंने जानकारी दी थी कि ऑनलाइन प्रकिया चालू होने से डिपो में रखी लकड़ी की बिक्री पर विराम सा लग गया है। साथ ही मामले को लेकर उच्च अधिकारियों से निर्देशन मांगने की बात कही थी।

ये था बिक्री न होने का कारण

लकड़ी का कार्य करने वाले या आरामशीन का संचालन करने वाले लोगों में अधिकांश ऑनलाइन प्रकिया समझ नहीं पा रहे थे। साथ ही ऑनलाइन प्रकिया होने के कारण लकड़ी की गुड़वत्ता उसकी बनावट के संबंध में पूरी जानकारी नहीं मिल पा रही थी। छोटे-छोटे मिस्त्री ऑनलाइन प्रकिया के बारे में नहीं जानते थे। इसलिए तेंदूखेड़ा डिपो में इमरती लकड़ी बड़ी मात्रा में एकत्रित हो गई थी। जानकारी लेने पर पता चला था कि नवंबर माह तक तेंदूखेड़ा कष्ठागार में करोड़ों की लकड़ी रखी है। वनमंडल अधिकारी को अवगत कराया और उन्होंने उच्चअधिकारी के निर्देश मिलने के बाद ऑनलाइन की जगह ऑफ लाइन प्रकिया अपनाई तो एक ही बार में लाखों रुपये की लकड़ी बिक गई।

कई जिलों से आये खरीददार

शनिवार को दमोह वनमंडल अधिकारी ईश्वर जरांडे ने तेंदूखेड़ा कष्ठागार पहुंचकर ऑनलाइन की जगह ऑफ़ लाइन प्रकिया के माध्यम से रखी लकड़ी की नीलामी प्रकिया शुरू की। जिसमें बड़ी संख्या में खरीददार लकड़ी की खरीदी करने पहुंचे। उन्होंने पहले लकड़ी का निरिक्षण किया उसके बाद खरीदी की। आयोजित नीलामी प्रकिया में दमोह, जबलपुर, छत्तरपुर सहित तेंदूखेड़ा के भी कई ठेकेदारों ने तेंदूखेड़ा कष्ठागार में रखी लकड़ी की खरीदी की।

साइकिल और बैलगाड़ी हुई नीलाम

डिपो में इमरती जलाऊ लकड़ी के अलावा जब्त साइकिल, बैलगाड़ी रखी हुई थी। इस बार ऑफ़ लाइन प्रकिया में साइकिल और बैलगाड़ी को भी नीलामी में रखा गया। इसमें एक साइकिल और एक बैलगाड़ी भी नीलाम हुई। नीलामी प्रकिया के दौरान तेंदूखेड़ा उपवनमंडल अधिकारी प्रतीक दुबे और डिपो रेंजर सृष्टि जैन, डिप्टी रेजर हेमकुमार तिवारी, वीटगार्ड अन्नी गुर्जर भी मौजूद रहे। नीलामी प्रकिया को लेकर दमोह वनमंडल अधिकारी ईश्वर जरांडे ने बताया तेंदूखेड़ा डिपो में रखी करोड़ों रुपये की लकड़ीउच्च अधिकारियों के निर्देश पर ऑफ लाइन प्रकिया के तहत नीलाम की गई। जिसमें दमोह, जबलपुर, छतरपुर सहित लोकल ठेकेदारों ने लकड़ी की खरीदी की। नीलामी के दौरान 50 लाख की लकड़ी बिक्री हुई है।

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