Damoh Fake Doctor Case : फर्जी डॉक्टर नरेंद्र जॉन केम ने जेल का खाना खाने से किया इनकार

दमोह मिशन अस्पताल में सात मौतों के आरोपी डॉ. नरेंद्र यादव उर्फ एन जॉन केम ने जेल का खाना खाने से इनकार कर दिया है। वह बाहर से टिफिन का खाना चाहता है, जिसके लिए उसने अधिकारियों से कहा, लेकिन यह संभव नहीं हो पाया। अधिकारियों के अनुसार उसे जेल मैनुअल के हिसाब से ही रहना पड़ेगा।

फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर नरेंद्र जॉन केम ने जेल के अंदर अभी दो दिन ही गुजारे हैं और सुख सुविधाओं के लिए एक साथ कई जरूरतें अधिकारियों के सामने रख दी हैं। यहां तक कि उसे जेल का खाना रास नहीं आ रहा है और वो टिफिन की मांग कर रहा है। इसी तरह रहने और खाने के लिए अलग-अलग तरह के व्यंजनों की डिमांड कर रहा है। उनकी हरकतों से तंग आकर जेल विभाग ने उसका आवेदन अफसरों और न्यायालय में पेश किया और उसके आधार पर अब डॉक्टर को सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। यहां तक की अधिकारियों ने जो सुविधा दी है उसे भी बाकायदा लिखित आदेश में उल्लेख किया है।

बता दें शुक्रवार की शाम फर्जी डॉक्टर को जेल भेजा गया था, जहां पर दूसरे दिन यानी शनिवार को ही फर्जी डॉक्टर ने जेल के अंदर कई सुविधाएं जुटाने के लिए कहा। उसने जरूरत के हिसाब से सुविधा न मिलने पर न तो खाना खाया और न ही जेल से मिलने वाली सामग्री ली। हां रविवार को जरूर कुछ खाना मजबूरी में खाया है। इस बात को लेकर जेल अधीक्षक के पास कर्मचारियों ने सूचना पहुंचाई यहां तक कि उसने एसी तक की मांग कर डाली।

अतिरिक्त सुविधा के लिए डॉक्टर के पास नहीं हैं पैसे

दरअसल जेल के अंदर कैंटीन की सुविधा दी गई है, जिसमें सारी सुविधाएं उपलब्ध हैं, लेकिन इन सुविधाओं का लाभ लेने के लिए भुगतान करना पड़ता है। आरोपी जॉनकेम अतिरिक्त सुविधा मांग रहा है, लेकिन उसके पास पैसा नहीं है। उसने कोर्ट में ऑनलाइन पेमेंट की सुविधा देने की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने इनकार कर दिया गया था। ऐसे में डॉक्टर के पास अतिरिक्त कोई भी सुविधा उपलब्ध नहीं है। उसे जेल मैनुअल के हिसाब से मिलने वाली सुविधाओं का ही लाभ मिलेगा। अलग से किसी प्रकार की सुविधा नहीं मिलेगी। आरोपी डॉक्टर की पहली पेशी एक मई को है। पुलिस उसे लेकर न्यायालय पहुंचेगी।

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