आरोपी ने इस फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की थी, जिसमें उसने दावा किया कि उसके वकील ने बिना अनुमति के 90 लाख रुपये जमा करने की बात कही थी। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इसे हाईकोर्ट के अधिकार क्षेत्र का मामला बताते हुए सुनवाई से इनकार कर दिया। इस मामले में आरोपी के भाई हर्ष रघुवंशी को पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। हाईकोर्ट ने अब उसकी जमानत भी रद्द कर दी है, जबकि लक्ष्मीदास के मामले में फैसला सुरक्षित रखा गया है।
पुलिस जांच और बरामदगी
पुलिस ने इस गबन के मामले में लक्ष्मीदास, उसके भाई हर्ष रघुवंशी, मनीष सोनी और सागर को आरोपी बनाया है। जांच के दौरान पुलिस ने आरोपी द्वारा इस्तेमाल की गई एमजी हेक्टर कार भी जब्त कर ली है। अब सभी की नजर इस पर टिकी है कि क्या आरोपी अदालत की शर्तें पूरी कर पाएगा या नहीं। अगर वह 90 लाख रुपये जमा नहीं करता, तो उसे जमानत मिलना मुश्किल होगा।