शिकायत पर एसडीएम ने जांच का जिम्मा नायब तहसीलदार रूही खान को सौंपा। जांच में सामने आया कि रामकिशन की मौत स्वाभाविक थी, लेकिन योजना में उसे दुर्घटना बताकर प्रकरण तैयार किया गया। इस गड़बड़ी में नगरपालिका के कंप्यूटर ऑपरेटर को दोषी बताया गया, जबकि योजना शाखा प्रभारी की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। केवल ऑपरेटर नहीं, पूरा सिस्टम शक के घेरे में स्थानीय लोगों का कहना है कि बिना योजना प्रभारी की जानकारी के ऐसा फर्जीवाड़ा मुमकिन नहीं। ऑपरेटर को बलि का बकरा बनाकर मामले को दबाने की कोशिश हो रही है। नगर में संबल योजना के ऐसे और भी फर्जी प्रकरणों की चर्चा है। फिलहाल पुलिस ने आरोपी अंशुल (नगरपालिका कर्मचारी) और प्रयास शर्मा के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। सूत्रों की मानें तो फाइनल रिपोर्ट में और भी नाम सामने आ सकते हैं।
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