छिंदवाड़ा के अमरवाड़ा तहसील में फसल कटाई के बाद खेतों में नरवाई (पराली) जलाने वाले सात किसानों के खिलाफ प्रशासन ने सख्त कार्रवाई करते हुए एफआईआर दर्ज की है। कलेक्टर के स्पष्ट प्रतिबंध के बावजूद नरवाई जलाने की घटना सामने आने के बाद यह कार्रवाई की गई है।
जांच में यह स्पष्ट हुआ कि खेतों में आग स्वतः नहीं लगी थी, बल्कि किसानों द्वारा जानबूझकर लगाई गई थी। टीम को मौके पर न तो बिजली की लाइनें टूटी हुई मिलीं और न ही शॉर्ट सर्किट का कोई प्रमाण मिला। इसके बाद प्रशासन ने सख्ती दिखाते हुए सात किसान नारायण पिता रोशनलाल लोधी, मोतीलाल पिता खुर्शीराम साहू, ओमप्रकाश पिता खुर्शीराम साहू, अजय पिता बालकृष्ण साहू, दीनदयाल पिता बालकृष्ण साहू, श्याम सिंह पिता कोटू सिंह राजपूत और शक्ति नारायण पिता गुमान सिंह राजपूत के खिलाफ भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNS) की धारा 223 के तहत एफआईआर दर्ज कराई है।
तहसील कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, इन सभी किसानों का कृत्य कलेक्टर के आदेश का उल्लंघन और नागरिक सुरक्षा संहिता का अपराध है। थाना अमरवाड़ा को इस मामले में एफआईआर दर्ज कर उचित कानूनी कार्रवाई करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
कृषि विशेषज्ञों ने नरवाई जलाने के गंभीर परिणामों पर चिंता व्यक्त की है। उनका कहना है कि नरवाई जलाने से मिट्टी की उर्वरता नष्ट होती है और पर्यावरण पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ता है। इससे वायु प्रदूषण बढ़ता है और स्थानीय जैवविविधता को भी नुकसान पहुंचता है। प्रशासन की इस सख्त कार्रवाई को नरवाई जलाने की घटनाओं पर अंकुश लगाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।