नई दिल्ली: कुछ ही सप्ताह पहले सहायक कोच अभिषेक नायर को हटाने के बाद अब भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) टीम इंडिया के दो अन्य कोचों—गेंदबाजी कोच मॉर्ने मोर्केल और फील्डिंग कोच रायन टेन डोइशे—की कुर्सी खिसकने वाली है।
‘द टेलीग्राफ’ की रिपोर्ट के मुताबिक, हेड कोच गौतम गंभीर के नेतृत्व में युवा टेस्ट यूनिट तैयार करने की कवायद के बीच BCCI ने पिछले तीन टेस्ट दौरों में कोचिंग स्टाफ की रणनीति, टीम चयन और वर्कलोड प्रबंधन को लेकर नाराजगी जताई है। यही वजह है कि मोर्केल और टेन डोइशे को आउट की मंजूरी मिलने के करीब माना जा रहा है।
क्यों घिरे कोच?
रणनीति का संतुलन टूटा: एक अंदरूनी सूत्र के अनुसार, कोच हमेशा ‘टीम बैलेंस’ की बात करते हैं, लेकिन कुलदीप यादव जैसे वर्ल्ड‑क्लास रिस्ट स्पिनर को लगातार बेंच पर बिठाना नतीजों में दिखा।
ओवरलोड्ड पेस आक्रमण: भारत–इंग्लैंड टेस्ट सीरीज में मुख्य तेज़ गेंदबाजों पर भारी वर्कलोड पड़ा—
जसप्रीत बुमराह ने 119.4 ओवर फेंके।
मोहम्मद सिराज को रवींद्र जडेजा से भी अधिक ओवर दिये गए।
ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भी यही समस्या दोहराई गई, लेकिन टीम मैनेजमेंट ने कोई ठोस सुधार नहीं किया।
परिणाम‑आधारित कोचिंग का दौर
अभिषेक नायर को सिर्फ सात महीने बाद विदा किए जाने ने संकेत दिया था कि अब ‘परफॉर्म या पेरिश’ की नीति लागू है। मोर्केल और टेन डोइशे की स्थिति भी कुछ इसी तरह की बने रहने की संभावना है।
हालांकि, BCCI ने कहा है कि दोनों का पद एशिया कप 2025 तक सुरक्षित रह सकता है, क्योंकि वनडे‑टी20 में टीम का प्रदर्शन संतोषजनक रहा है। लेकिन अक्टूबर में वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट सीरीज से पहले इन बदलावों को अंजाम तक पहुँचाए जाने की तैयारी है।
अभिषेक नायर → हटाए जा चुके
मोर्ने मोर्केल & रायन टेन डोइशे → बर्खास्तगी के अंतिम चरण में
एशिया कप 2025 तक सुरक्षित, पर वेस्टइंडीज टेस्ट से पहले रसोई से बाहर टीम इंडिया के कोचिंग स्टाफ में यह फेरबदल गौतम गंभीर के तहत तेज और स्पष्ट‑निष्पादन वाली कोचिंग की दिशा में उठाया गया कदम माना जा रहा है, जहाँ अब हर कोच के प्रदर्शन को इसी सीज़न के भीतर आंकने की जल्दी है।