मुंबई में उद्योगपति अनिल अंबानी के खिलाफ दर्ज कथित बैंक धोखाधड़ी मामले में सीबीआई (CBI) ने शनिवार को उनके कफ परेड स्थित आवास और रिलायंस कम्युनिकेशंस (RCom) परिसर पर छापेमारी की।
यह मामला स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की शिकायत पर दर्ज किया गया है, जिसमें कहा गया है कि RCom और उसकी सहयोगी कंपनियों ने ₹2,929 करोड़ से अधिक का बैंक धोखाधड़ी किया।
छापेमारी के समय अंबानी, उनकी पत्नी टीना अंबानी और बच्चे घर पर मौजूद थे।
तलाशी कई घंटे चली और दोपहर तक खत्म हुई।
SBI की शिकायत और CBI का आरोप
SBI ने कहा कि अप्रैल 2013 से मार्च 2017 के बीच धोखाधड़ी हुई, जिसका खुलासा अक्टूबर 2020 की फोरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट में हुआ।
आरोप है कि कंपनी और उसके निदेशकों ने गलत जानकारी देकर बैंक से ऋण सुविधाएँ लीं, और फिर शर्तों का उल्लंघन कर फंड का ग़लत इस्तेमाल, डायवर्जन और गबन किया।
बाद में ऋण एनपीए में बदल गए।
धोखाधड़ी में इंटर-कंपनी लोन ट्रांजैक्शन, फर्जी देनदारों का निर्माण, फंड्स की हेरफेर और वरीयता शेयरों का दुरुपयोग शामिल बताए गए हैं।
अनिल अंबानी का पक्ष
अंबानी के प्रवक्ता ने आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि उन्हें “चुनिंदा रूप से निशाना बनाया गया”।
प्रवक्ता ने बताया कि उस दौरान अंबानी केवल गैर-कार्यकारी निदेशक थे और कंपनी के रोज़मर्रा के प्रबंधन में शामिल नहीं थे।
उन्होंने यह भी कहा कि SBI ने पहले ही पांच अन्य गैर-कार्यकारी निदेशकों के खिलाफ कार्यवाही वापस ले ली थी, लेकिन अंबानी पर कार्रवाई जारी है।