मध्य प्रदेश की बुधनी विधानसभा सीट में होने वाले उपचुनाव को लेकर बीजेपी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। रामाकांत भार्गव को टिकट मिलने का बाद से नाराज पूर्व विधायक राजेंद्र सिंह राजपूत ने बुधनी के भेरुंदा में कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की। इस दौरान बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं ने बुधनी से उम्मीदवार बदलने की मांग की। वहीं, डैमेज कंट्रोल करने पहुंचे पूर्व मंत्री रामपाल सिंह के सामने भी राजेंद्र सिंह राजपूत के समर्थकों ने कहा कि टिकट बदला जाए। हालांकि राजेन्द्र राजपूत ने कहा है कि वह ऐसा कोई काम नहीं करेंगे जिसके उनके और उनके पिता के नाम पर कलंक लगे।
राजेन्द्र राजपूत ने कहा- पार्टी अपना उम्मीदवार बदलती है तो मैं विचार करूंगा। हालांकि उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया। कहा कि मैं निर्दलीय चुनाव नहीं लड़ रहा हूं। मैं उस पिता का बेटा हूं जिन्होंने पार्टी के लिए अपनी जान दे दी। मैं इस उम्र में ऐसा कोई काम नहीं करूंगा जिससे नाम नाम कलंकित हो। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं के कहने पर यह बैठक की गई थी। यह बैठक मैंने नहीं कार्यकर्ताओं ने बुलाई थी।
कार्यकर्ताओं के लिए रखी शर्त
वहीं, बीजेपी के लिए प्रचार करने के बारे में राजेन्द्र सिंह राजपूत ने कहा कि मैं पहले बात करूंगा। मेरे किसी भी कार्यकर्ता को किसी तरह की समस्या नहीं होनी चाहिए। मेरे कार्यकर्ताओं की बात को सुना जाएगा। उसके बाद भी फैसला करूंगा। हालांकि उन्होंने पार्टी छोड़ने की बात से इंकार किया है।
संगठन के सामने बात रखेंगे रामपाल सिंह
वहीं, पूर्व मंत्री रामपाल सिंह ने कहा कि हमने सभी से बात की है। इस बात को मैं संगठन के सामने रखूंगा उसके बाद क्या फैसला करना है यह संगठन का काम है। बता दें कि बीजेपी ने इस सीट से पूर्व सांसद रामाकांत भार्गव को चुनाव मैदान में उतारा है। बीजेपी ने लोकसभा चुनाव के दौरान रमाकांत भार्गव का टिकट काट दिया था। उनकी जगह शिवराज सिंह चौहान को उम्मीदवार बनाया गया था।
शिवराज सिंह चौहान के खास हैं राजेन्द्र सिंह
राजेन्द्र सिंह राजपूत बीजेपी के सीनियर नेता हैं और बुधनी विधानसभा सीट से विधायक रहे चुके हैं। 2005 में शिवराज सिंह चौहान के मुख्यमंत्री बनने के बाद राजेन्द्र सिंह ने बुधनी विधानसभा सीट को शिवराज के लिए खाली किया था। राजेन्द्र सिंह राजपूत शिवराज सिंह चौहान के करीबी माने जाते हैं।
दांव पर शिवराज सिंह चौहान की प्रतिष्ठा
मध्य प्रदेश की बुधनी विधानसभा सीट पर उपचुनाव शिवराज सिंह चौहान के इस्तीफे के कारण हो रहे हैं। 2023 में शिवराज सिंह चौहान ने यहां से जीत हासिल की थी। शिवराज सिंह चौहान अब केन्द्र में मंत्री हैं। इस सीट पर शिवराज सिंह चौहान की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। शिवराज सिंह चौहान, रामाकांत भार्गव के समर्थन में भोपाल में बड़ी बैठक कर चुके हैं।