तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार और बीजेपी पर करारा हमला बोलते हुए नीतीश से कहा कि जो झंडा आप उठाकर चले थे कि मोदी को देश में रोकना है, अब आपका भतीजा झंडा उठाकर मोदी को बिहार में रोकने का काम करेगा।
बिहार विधानसभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई वाली एनडीए सरकार ने विश्वास मत हासिल कर लिया है। सदन में वोटिंग के दौरान विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर दिया। इसके बाद वोटिंग के दौरान सरकार के पक्ष में 129 वोट पड़े। आरजेडी के तीन विधायकों ने भी सत्ता पक्ष के समर्थन में मतदान किया। 243 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत के लिए 122 वोट चाहिए था।
इससे पहले विश्वास मत पर चर्चा के दौरान नीतीश कुमार ने जहां एक बार फिर पिछली बार गठबंधन तोड़ने पर दिया भाषण दोहराया और लालू परिवार पर निशाना साधा। नीतीश ने एक बार फिर दोहराया कि दो बार इधर-उधर हो गए थे अब वापस बीजेपी के साथ आ गए हैं और यहीं रहेंगे। वहीं चर्चा के दौरान तेजस्वी यादव ने जमकर नीतीश कुमार और पीएम मोदी पर हमला किया।
तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार को कहा कि आपको मुझे बता देना चाहिए था कि आप हमें छोड़कर जाने वाले हैंष 2020 में हमने महागठबंधन बनाया था, लेकिन हमारे गठबंधन में कोई दिक्कत नहीं है। उन्होंने नीतीश और मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि जो झंडा आप उठाकर चले थे कि मोदी को देश में रोकना है, अब आपका भतीजा झंडा उठाकर मोदी को बिहार में रोकने का काम करेगा।
कर्पूरी ठाकुर का जिक्र करते हुए तेजस्वी ने कहा कि कर्पूरीजी के साथ आप और हमारे पिता काम कर चुके है। आपको तो पता था कि जनसंघ उस सरकार में था, कर्पूरी जब आरक्षण बढ़ा दिए तो यही जनसंघ वाला ही उनको हटाया था। वही बीजेपी वाले कहते थे कि आरक्षण कहां से आई और मुख्यमंत्री जी आप कहां चले गए? तेजस्वी ने कहा कि भारत रत्न डील करने का जरिया बना लिया गया है। बीजेपी वाले सम्मान नहीं करते हैं, डीलिंग करते हैं। केवल वोटबैंक की राजनीति के लिए करते हैं।
तेजस्वी ने आगे कहा कि मोदी सरकार ने बिहार में जाति आधारित गणना को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट में सॉलिसिटर जनरल को खड़ा कर दिया था। लालू सरकार में आरक्षण 12 प्रतिशत, राबड़ी सरकार में 18 प्रतिशत हुआ। हमने उसको बढ़ाकर 75 फीसदी तक कर दिया। हम लोग सिद्धांतवादी लोग हैं, एक जगह खड़े होते हैं तो मजबूती से खड़े होते हैं। हमारे पिता लालू जी हैं। हम उनके बेटा हैं। हम इन चीजों से डरते नहीं हैं। हम संघर्ष करते रहेंगे।
हालांकि, विश्वास मत से पहले पटना में काफी सियासी उठापटक देखने को मिला। दरअसल, 28 जनवरी को नीतीश कुमार ने महागठबंधन से अलग हटकर बीजेपी से हाथ मिलाते हुए एनडीए की सरकार बनाई थी और 9वीं बार राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी। इसके बाद 12 फरवरी को उन्हें सदन में विश्वास मत हासिल करना था। इस दौरान तेजस्वी यादव ने ‘खेला होगा’ कहकर बिहार की सियासत को गर्म कर दिया था। तब से विश्वास मत को लेकर अटकलों का दौर जारी था कि क्या नीतीश सरकार बचेगी या जाएगी। हालांकि, नीतीश कुमार ने आज सरकारी बचा ली है।