राजधानी भोपाल के बहुचर्चित फर्जी कॉल सेंटर रिश्वतकांड मामले में तत्कालीन थाना प्रभारी जितेन्द्र गढ़वाल को हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत का लाभ मिल गया है। हाईकोर्ट जस्टिस एमएस भट्टी ने पाया कि फरार एएसआई पवन रघुवंशी के मेमोरेंडम के आधार पर थाना प्रभारी को आरोपी बनाया गया था। आरोपी थाना प्रभारी ने उक्त एएसआई की कार्य प्रणाली की शिकायत डीसीपी से की थी।
उसके बाद तत्कालीन थाना प्रभारी ने अग्रिम जमानत के लिए हाईकोर्ट की शरण ली थी। अग्रिम जमानत आवेदन की सुनवाई के दौरान एकलपीठ को बताया गया कि प्रकरण में मुख्य आरोपी एएसआई पवन रघुवंशी सहित पार्षद अंशुल जैन, प्रधान आरक्षक धर्मेंद्र, फर्जी कॉल सेंटर के मास्टर माइंड अफजल खान का साले मोइन खान फरार चल रहे हैं।
आवेदन टीआई ने फरवरी माह में एएसआई की अनैतिक गतिविधियों की शिकायत फरवरी माह में की गयी थी, जिसके कारण एएसआई के खिलाफ कार्रवाई की गयी थी। घटना के दो दिन पूर्व भी आवेदन ने डीसीपी से प्रकरण में मुख्य आरोपी एएसआई की शिकायत की थी। रिश्वत लेते पकड़े जाने पर उसने बदला लेने के लिए मेमोरेंडम में आवेदन का नाम लिया था। एकलपीठ ने सुनवाई के बाद आवेदक को अग्रिम जमानत का लाभ प्रदान कर दिया। आवेदक की तरफ से अधिवक्ता पंखुड़ी विश्वकर्मा ने पैरवी की।