पीसीसी चीफ जीतू पटवार
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि बीज प्रमाणीकरण विभाग में करोड़ों रूपयों का व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार किये जाने का मामला पहले ही सामने आ चुका है। अब विभाग के एक चपरासी द्वारा 10 करोड़ रूपयों की एफडी को तुड़वाकर अपने खाते में ट्रांसफर कराये जाने का मामला सामने आया है। संज्ञान में यह बात सामने आयी है कि विभाग का उक्त चपरासी विगत 10 वर्षों से कार्यालय में नौकरी करने ही नहीं जाता, फिर भी उसे पूरा वेतन मिल रहा है, इससे स्पष्ट है कि विभाग के आला अधिकारी इस एफडी कांड में शामिल हैं।
भोपाल स्थित सेंट्रल बैंक आफ इंडिया से जुड़ा मामला
पटवारी ने कहा कि मामला राजधानी भोपाल के इमामी गेट के स्थित सेंट्रल बैंक आफ इंडिया से जुड़ा हुआ हैं। बीज प्रमाणीकरण विभाग ने इमामी गेट स्थित सेंट्रल बैंक आफ इंडिया में विगत 30 नवम्बर 2023 को 5-5 करोड़ रुपए की दो एफडी बनवाई थी। जब अधिकारी इन एफडी को तुड़वाने के लिए बैंक पहुंचे तो मामला सामने आया कि इन एफडी की राशि को चपरासी द्वारा तोड़कर एचडीएफसी बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी गई है। इतना ही नहीं एफडी पर मिले 66 लाख रूपये के ब्याज की राशि भी उक्त चपरासी के खाते में ट्रांसफर की गई है।
अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं
पटवारी ने कहा कि एफडी कांड में चपरासी के साथ बैंक मैंनेजर या विभाग के आला-अफसर और एमडी की मिलीभगत तो नहीं है? मामला सामने आते ही बैंक प्रबंधन और प्रशासन ने जांच तो शुरू कर दी, लेकिन सच्चाई अभी भी कुछ और ही बयां कर रही है। वहीं पुलिस ने धोखाधड़ी और गबन के मामले की एफआईआर दर्ज कर ली है लेकिन अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। इस फर्जीवाड़े को अंजाम देने में कौन-कौन से अन्य लोग शामिल हैं, इतनी बड़ी राशि का गबन करने वाले आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए विशेष टीम का गठन कर आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी की जानी चाहिए।
दोषियों के विरूद्व सख्त कार्रवाई की मांग
पटवारी ने कहा कि बैंकिंग प्रणाली की सुरक्षा और आंतरिक नियंत्रणों पर गंभीर सवाल उठाए जा रहे हैं। बीज प्रमाणीकरण विभाग के एमडी सहित फर्जीवाड़ें में शामिल अन्य अधिकारियों और चपरासी को तत्काल सेवा से बर्खास्त किया जाना चाहिए। सरकार द्वारा इस तरह के फर्जीवाड़ों को रोकने के लिए नई नीतियों और सुरक्षा उपायों पर विचार किया जाना चाहिए। इस मामले ने राज्य सरकार और बैंक प्रशासन इस घटना की गंभीरता से लेते हुये दोषियों के विरूद्व सख्त कार्यवाही करें।