राजधानी भोपाल में चार दिन बाद डिजिटल अरेस्ट (Digital arrest) का दूसरा मामला सामने आया है। इस बार ठगों ने एक टेलीकॉम कंपनी के इंजीनियर को 6 घंटे तक बंधक बनाकर रखा। मंगलवार शाम को हुई इस घटना में ठगों ने खुद को पुलिस अधिकारी बताकर इंजीनियर प्रमोद कुमार (Engineer Pramod Kumar) से 3.5 लाख रुपये की डिमांड की। समय रहते क्राइम ब्रांच ने रेस्क्यू (Crime branch rescue) कर उन्हें इस ठगी से बचाया।
पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्रा ने बताया कि बजरिया थाना क्षेत्र के गायत्री नगर में रहने वाले प्रमोद कुमार को मंगलवार शाम साढ़े चार बजे एक कॉल आता है। कॉल करने वाला शख्स खुद को ईओडब्लू का अधिकारी बताते हुए कहा कि उनके फोन नंबर से बड़े पैमाने पर बैंक ट्रांजेक्शन हुए हैं। थोड़ी देर बाद वीडियो कॉल पर 3 लोग पुलिस की वर्दी में दिखाई दिए और धमकी दी कि उनके नंबर से फिरौती के पैसे ट्रांसफर हुए हैं। यह सुनकर प्रमोद घबरा गए, और ठगों की धमकी के आगे चुप्पी साध ली।
ठगों ने प्रमोद को धमकाया कि वो 3.5 लाख रुपये तुरंत भेजें और 24 घंटे तक एक कमरे में बंद रहें, किसी से बात न करें। डरे सहमे प्रमोद ने खुद को परिवार से अलग कर लिया और सबसे संपर्क बंद कर दिया। जब देर रात तक वो कमरे से बाहर नहीं निकले, तो उनकी पत्नी ने दफ्तर के सहकर्मियों को सूचना दी।
सुबह सहकर्मियों के माध्यम से क्राइम ब्रांच को जानकारी मिली। एडिशनल डीसीपी शैलेन्द्र सिंह चौहान अपनी टीम के साथ वहां पहुंचे और प्रमोद की काउंसलिंग की। इसके बाद प्रमोद ने दरवाजा खोला और ठगों के पूरे खेल का खुलासा किया।
पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की
पुलिस ने उन्हें समझाया कि यह पूरी तरह से ठगी थी.।एक हफ्ते में यह डिजिटल अरेस्ट की दूसरी घटना है। क्राइम ब्रांच ने ठगी के इस मामले की जांच शुरू कर दी है और लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है।