मध्य प्रदेश में लाडली बहना योजना महिला सशक्तीकरण का पर्याय बन चुकी है। महिलाओं को आर्थिक स्वावलंबन, सेहत, पोषण में सुधार और परिवार में ज्यादा मजबूत स्थिति बना पाने में मदद कर रही है। यह खुलासा भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के आर्थिक विभाग की विशेष शोध रिपोर्ट में हुआ है।
रिपोर्ट के अनुसार, योजना के चलते महिलाएं निर्णय लेने में समर्थ बन रही हैं, जिसका नतीजा विस चुनाव में दिखा। भाजपा ने महिला मतदाताओं के साथ जुड़ाव बनाने में कामयाबी हासिल की। हाशिये पर रहने वाली हर चार में से तीन महिलाओं ने भाजपा को वोट दिया। राज्य की 1.25 करोड़ महिलाओं को इस योजना का लाभ मिल रहा है। राज्य सरकार ने अब तक 2,418 करोड़ रुपयेे लाभार्थियों के खातों में डाले हैं। आने वाले दिनों में यह राशि 1,250 से बढ़ाकर 3,000 प्रति माह कर दी जाएगी।
राज्यों की सीमाओं को लांघ रही योजना
रिपोर्ट के मुताबिक, कम से कम एक फीसदी लाभार्थी दूसरे राज्यों में पैसा खर्च कर रही हैं। यानी वो महिलाएं जो काम के सिलसिले से विभिन्न राज्यों में गई हैं, वहां खर्च कर रही हैं। योजना अब सीमाओं से परे जा रही है। लाडली एम्बेसडर अब बिहार, छग, दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, यूपी सहित कई राज्यों में बस गई हैं।
योजना का व्यापक परिणाम दिख रहा
महिलाएं योजना से मिलने वाली राशि का इस्तेमाल बच्चों की सेहत और पढ़ाई पर कर रहीं हैं।
87 फीसद खातों में औसत बैलेंस 7,000 रुपये और 13 फीसदी में 7,500 से ऊपर पाया गया।
केवल महिलाओं पर निर्भर बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण की स्थिति में पहले से सुधार हुआ है।
इस योजना की वजह से महिलाएं अपनी प्राथमिकता के अनुसार खर्च करने के लिए आर्थिक रूप से पहले से अधिक स्वतंत्र हुई हैं।
महिलाएं वित्तीय सहायता से स्थानीय स्तर पर उपलब्ध संसाधनों का उपयोग आजीविका के साधन जुटाने में कर रही हैं।
परिवारिक स्तर पर अपने निर्णय लेने में भी महिलाएं पहले से अधिक प्रभावी भूमिका निभा रही हैं।