Bhopal News : इंदौर और मऊगंज मामले में प्रदेश की सियासत गरमाई, पटवारी बोले- कानून नाम की कोई चिड़िया नहीं

मध्य प्रदेश के अलग-अलग जिलों में हो रही घटनाओं के लेकर प्रदेश की सियासत गर्मा गई है। पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने सरकार पर हमला बोला है।पटवारी ने कहा कि मध्य प्रदेश में जिस तरह की कानून व्यवस्था के हाल हो गए हैं। ऐसा पहला प्रदेश बन गया है, जहां पर पुलिस की पिटाई लगातार और बार-बार होती है।पिछले तीन दिनों में तीन जगह पुलिस पिटी है। इंदौर में वकीलों ने एक टीआई यादव जी को दौड़ा-दौड़ा कर मारा। वकीलों का आरोप है कि यादव जी टीआई साहब दारू पीकर शराब के नशे में पहुंचे थे। मऊगंज में पुलिस की हत्या हो जाना यह क्या मैसेज है? फिर मंडला में एक आदिवासी की पुलिस ने नक्सली बताकर हत्या कर दी। देश के प्रधानमंत्री, देश के गृहमंत्री जी मध्य प्रदेश में कानून नाम की चिड़िया नहीं बची।

गृहमंत्री का काम पूरा फेल हो गया

पीसीसी चीफ ने कहा है कि मध्य प्रदेश ऐसा पहला प्रदेश है, जहां पर पुलिस का काम सिर्फ अवैध धंधे चलाना हो गया है। एक जगह घटना नहीं होती, हर शहर, हर जिले की यह स्थिति है। मतलब यह है कि गृहमंत्री का काम पूरा फेल हो गया। हमने बार-बार गृहमंत्री जी से मांग की थी कि आप प्रदेश के मुख्यमंत्री भी हो। जिस तरीके के हालात बन रहे हैं, उसका कोई एकमात्र दोषी है तो वह आप हैं।

सीएम को देना दें इस्तीफा

पीसीसी चीफ ने कहा कि मैं मानता हूं कि सीएम इस्तीफा देना चाहिए। प्रधानमंत्री जी से आग्रह करता हूं कि अगर मुख्यमंत्री इस्तीफा नहीं देते हैं तो आपको इनका इस्तीफा लेना चाहिए। पुलिस की हत्या होना छोटी घटना नहीं है और पुलिस को सड़क पर दौड़ा-दौड़ा कर मारना भी छोटी हत्या, छोटी घटना नहीं है। भाषण अच्छे हो सकते हैं, विज्ञापन अच्छे हो सकते हैं लेकिन जिस तरीके के हालात हैं, यहां कानून है क्या? यह पता नहीं चलता। कानून कोलेप्स हो गया है।

नक्सली बताकरआदिवासी की पुलिस ने हत्या कर दी

जीतू पटवारी ने कहा मंडला में पुलिस ने ही कहा कि हमने एक नक्सली को मौत के घाट उतार दिया। एनकाउंटर कर दिया। फिर पुलिस ने ही कहा कि यह तो गलती हो गई, बीच में जब फायरिंग चल रही थी तो वह बीच में आ गया। परिजनों ने कहा कि उसकी हत्या कर दी तो यह कुल मिलाकर एक सीधे-साधे आदिवासी, जिसकी सुरक्षा सरकार करती है, उसकी पुलिस हत्या करती है तो मैं समझता हूं कि मानवीय आधार पर इसकी भर्त्सना करनी चाहिए।

यह थी इंदौर की घटना

इंदौर में शनिवार को हाईकोर्ट चौराहे पर वकीलों ने तीन घंटे तक विरोध-प्रदर्शन किया। इस दौरान उनकी एक टीआई से झड़प भी हुई। टीआई को उनसे जान बचाने के लिए दौड़ लगाना पड़ा। वकीलों ने सड़क पर बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ भी किया। दरअसल, हाईकोर्ट के वकील साथी तीन वकीलों पर एफआईआर के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे। वकील पिता और उसके दो बेटे एक एक्टिवा सवार युवक से मारपीट कर रहे थे। वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने युवक को छुड़ाया और मारपीट करने वाले आरोपियों को डंडे से पीटा था।

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