जानकारी के लिए बतादें कि किसान कांग्रेस बजट सत्र के पहले दिन बीजेपी सरकार के खिलाफ कई मुद्दों को लेकर प्रदर्शन कर रही थी। इस दौरान भोपाल के रंगमहल चौराहे पर आयोजित कार्यक्रम में मंच पर भारी भीड़ जमा हो गई थी, जिसके चलते मंच गिर गया था। मंच टूटने से कई नेताओं को चोटें आईं, जिन्हें तुरंत नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। किसान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह चौहान भी घायल हुए थे। प्रदर्शन में पीसीसी चीफ जीतू पटवारी, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी सहित कई कांग्रेसी नेता शामिल हुए थे। कांग्रेस के कार्यक्रम में मंच गिरने की पहली घटना नहीं है। इसके पहले भी राष्ट्रीय और केंद्रीय नेताओं के कार्यक्रम के लिए बनाए गए मंच नेताओं की संख्या क्षमता से अधिक होने के कारण गिर चुके हैं।
आपसी लड़ाई से ही फेल हो रही कांग्रेस
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश कांग्रेस राज्य सरकार के खिलाफ कई आंदोन और प्रदर्शन की रणनीति तैयार हुई। कुछ आंदोलन और प्रदर्शन हुए भी लेकिन बहुत से आंदोलन और प्रदर्शन पार्टी की गुटबाजी का शिकार होकर सिर्फ सुर्खियां बन कर ही समाप्त हो गए। कांग्रेस के कुछ नेता आए दिन आंदोलन की रणनीति तैयार करते हैं लेकिन वो नाकाम साबित होते हैं। जनता के दिलों तक कांग्रेस के प्रदर्शन नहीं पहुंच पा रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार भी विधानसभा के दौरान रोजाना गांधी प्रतिमा के पास एक प्रदर्शन करते हैं। लेकिन नेता प्रतिपक्ष के आंदोलन का प्रभाव न सरकार पर पड़ रहा और न ही जनता पर पड़ रहा है। कांग्रेस की लाख कोशिशों के बाद भी वो जनता के बीच मजबूती से दस्तक देने में नाकाम साबित हो रही है और यही कारण है कि अब पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह को यह बताना पड़ रहा है कि मंच की लड़ाई छोड़ मंहगाई,बेरोजगारी और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों को लेकर जनता के बीच जाओ और तब तक इन बातों का उल्लेख करते रहो जब तक जनता के मन मस्तिष्क में यह सभी बातें बैठ न जाएं।