दरअसल, 19 सितंबर 2024 को रेडक्लिफ स्कूल में आईटी टीचर कासिम रेहान (33) पर तीन साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म करने के आरोप लगे थे। इस मामले में कमला नगर पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर आरोपी शिक्षक को गिरफ्तार किया था। इस घटना की गूंज पूरे प्रदेश में हुई थी। साथ ही स्कूल के खिलाफ हिंदू संगठनों ने कड़ा आक्रोश जताते हुए विरोध किया था। स्कूल में हुई घटना के लिए चार सदस्यीय समिति गठित की थी, जिसमें एसडीएम टीटी नगर डॉ. अर्चना शर्मा, महिला बाल विकास अधिकारी सुनील सोलंकी, जिला शिक्षा अधिकारी एनके अहिरवार व जिला परियोजना समन्वयक ओमप्रकाश शर्मा शामिल थे।
कमेटी की रिपोर्ट में स्कूल की खामियां उजागर हुई थीं। स्कूल में सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं, लेकिन उसकी निगरानी करने के लिए कोई नहीं था। मासूमों को टायलेट जाने पर उन्हें देखने के लिए किसी को नियुक्त नहीं किया था। स्कूल प्रबंधन द्वारा किसी भी शिक्षक या कर्मचारी का पुलिस सत्यापन नहीं कराया गया था। आरोपी कासिम रेहान का भी पुलिस सत्यापन नहीं था। इसके अलावा अन्य बिंदु पर भी स्कूल में कई खामियां उजागर हुई थीं। कमेटी की रिपोर्ट के बाद बीच सत्र में बच्चों की पढ़ाई को देखते हुए मान्यता समाप्त नहीं की गई थी।
प्रशासन ने स्कूल को अपने कब्जे में लेकर स्कूल शिक्षा विभाग से शासकीय प्राचार्य की नियुक्ति कर दी थी। साथ ही जांच प्रतिवेदन में उक्त स्कूल की मान्यता मार्च, 2025 को समाप्त किए जाने की अनुशंसा की गई थी। प्रतिवेदन में शैक्षणिक सत्र 2025-26 में उक्त शाला का नवीनीकरण न किये जाने के निर्देश दिए गए थे। राज्य शिक्षा केंद्र ने भी स्कूल से मान्यता वापस लेने के आदेश दिए थे।
नहीं मिलेगी मान्यता
रेडक्लिफ स्कूल में हुई घटना के बाद जांच प्रतिवेदन के आधार पर शैक्षणिक सत्र वर्ष 2025-26 से स्कूल को मान्यता नहीं मिलेगी। स्कूल के नवीनीकरण का आवेदन अस्वीकृत कर दिया गया है।
– ओपी शर्मा, जिला, परियोजना समन्वयक, भोपाल