मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को महाराणा प्रताप स्मारक का भूमिपूजन किया। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि जल्द ही महाराज छत्रसाल के समाधि स्थल मऊ सहानिया में उनके जीवन पर आधारित भव्य स्मारक बनाया जाएगा। वहां लाइट एंड साउंड शो भी होगा। धुबेला में वर्तमान संग्रहालय का सौंदर्यीकरण किया जाएगा।
शिवराज ने गुरुवार को टीटी नगर स्टेडियम रोड पर महाराणा प्रताप के स्मारक का भूमिपूजन किया। कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, राज्य के मंत्री अरविंद भदौरया, भूपेंद्र सिंह, उषा ठाकुर के साथ-साथ पार्टी के पदाधिकारी मौजूद थे। कार्यक्रम में महाराणा प्रताप स्मारक के स्वरूप को लेकर लघु फिल्म भी दिखाई गई। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आज हम सभी का मन आनंद, प्रसन्नता और गर्व से भरा हुआ है। आज ऐसा लग रहा है कि जीवन सार्थक और सफल हो गया है। मेरा मुख्यमंत्री बनना सार्थक और सफल हो गया है। हम सौभाग्यशाली है कि हम इस पल के साक्षी बन रहे हैं। महाराणा प्रताप अद्भुत वीर थे। महाराणा प्रताप का नाम लेते ही रोम-रोम पुलकित हो जाता है। वे मेवाड़ के मुकुट मणि नहीं, वे तो भारत के मुकुट मणि हैं। वीरता, शौर्य, त्याग, पराक्रम, दृढ़ संकल्प और प्रण के लिए अमर हैं महाराणा प्रताप। जब तक सूरज, चांद रहेगा, तब तक महाराणा प्रताप जी का नाम अमर रहेगा। मुगल इनके नाम से कांपते थे। उनकी मां ने बचपन से महाराणा प्रताप को सीख दी थी कि निहत्थे पर कभी वार मत करो। पहले उसे तलवार दो, फिर पराक्रम दिखाओ। वे 72 किलो का कवच, 80 किलो का भाला और दो तलवार लेकर रण में उतरते थे।
हम इतिहास बदल देंगे जो सही है वह सामने लाएंगे
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हमें गलत इतिहास पढ़ाया गया। हम इतिहास बदल देंगे। जो सही है, वह ही सामने लाएंगे। सरकार का काम केवल पुलिया बनाना नहीं है, आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देना और सही इतिहास पढ़ाना भी है। महाराणा प्रताप के स्मारक पर भव्य प्रतिमा लगाई जाएगी।
20 मिनट की लघु फिल्म में बताएंगे शौर्य
महाराणा प्रताप के शौय को प्रस्तुत करती एक लघु फिल्म बनाई गई है। 20 मिनट की इस फिल्म में महाराणा प्रताप के शौर्य को बताया गया है। इस फिल्म को महाराणा प्रताप स्मारक पर दिखाया जाएगा। महाराणा प्रताप स्मारक की संरचना उनके जन्म स्थान कुंभलगढ़ दुर्ग से प्रेरित होकर बनाई जा रही है। महाराणा प्रताप स्मारक में मेवाड़ वंश के गौरव महाराणा हमीर सिंह, महाराणा कुम्भा, महाराणा सांगा, मीरा बाई, महाराणा उदय सिंह, महाराणा प्रताप के जीवन चरित्र को दर्शाया जाएगा। मेवाड़ वंश और महाराणा प्रताप के जीवन की घटनाओं पर कलाकर्तियों पर प्रदर्शित करते हुए प्रादर्श वीथिका का निर्माण भी किया जा रहा है।
20 फीट ऊंची प्रतिमा लगाई जाएगी
महाराणा प्रताप का जीवन वन में व्यतीत हुआ है। यहां भील समुदाय के साथ उन्होंने अनूठे पल बिताए हैं, जिसे लैंडस्कैप एरिया में खुली वीथिकाओं में दर्शाया जाएगा। महाराणा प्रताप की 20 फीट ऊंची भव्य प्रतिमा भी लैंडस्कैप एरिया में स्थापित होगी।
विजय स्तंभ की रेप्लिका बनाई जाएगी
लैंड स्कैप में एक प्रमुख स्थान पर चित्तागढ़ में महाराणा कुंभा द्वारा बनाए गए विजय स्तंभ की रेप्लिका भी बनाई जाएगी। साथ ही दो हजार लोगों के बैठने की क्षमता का मंच और लाइट और साउंड शो किया जाएगा। कैफेटेरिया का निर्माण भी किया जाएगा। उनके बलिदान पर आधारित साउंड और लाइट शो भी होगा।