Bhopal News: विद्यार्थियों को नि:शुल्क उपाधि प्रदान करेगा बरकतउल्ला विश्वविद्यालय,दीक्षांत समारोह में CM ने की घोषणा

Barkatullah University will provide free degrees to students, CM announced in the convocation ceremony

बीयू का दीक्षांत समारोह

मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में बड़ी घोषणा करते हुए कहा है कि अगले सत्र से बरकतउल्ला विश्वविद्यालय सभी पात्र विद्यार्थियों को नि:शुल्क रूप से उनकी उपाधि प्रदान करेगा। मंगलवार को मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह आयोजित हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलाधिपति एवं राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने की। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव और उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार कार्यक्रम में शामिल हुए। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने समारोह के दौरान दीक्षित सभी विद्यार्थियों के साथ ही बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के सभी विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य की कामना की। कार्यक्रम के दौरान प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने भारतीय ज्ञान परंपरा और राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर विशेष रूप से प्रकाश डाला।

वास्कोडिगामा नहीं गुजरात के व्यापारी ने की थी भारत की खोज

उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह कार्यक्रम में एक बड़ा बयान देते हुए बताया कि किस तरह से पहले के विद्वानों द्वारा गलत तरीके से इतिहास को प्रस्तुत करके हमारे देश के विद्यार्थियों को हमारे पूर्वजों के महान कार्यों, उनके गौरव और सम्मान से हमें दूर रखा गया है और इतिहास से भ्रमित किया गया है। मंत्री ने उदाहरण देते हुए बताया कि हमारे विद्यार्थियों को पढ़ाया गया कि भारत की खोज वास्कोडिगामा ने की थी जबकि हकीकत यह है कि गुजरात के एक व्यापारी जिनका नाम चंदन था वह जहाज से उस टापू पर गए थे जहां वास्कोडिगामा मौजूद था और वास्कोडिगामा ने उनसे भारत देखने की इच्छा जाहिर की। इस पर चंदन नाम के व्यापारी ने वास्कोडिगामा को अपने जहाज के पीछे उसका जहाज लाने की बात कही और इस प्रकार वास्कोडिगामा ने भारत को देखा। गुजरात के व्यापारी चंदन का जहाज वास्कोडिगामा के जहाज से कई गुना बड़ा था।

गौरव और सम्मान को वापस लाने का प्रयास

उच्च शिक्षा मंत्री ने दूसरा उदाहरण देते हुए कहा कि ऐसे ही कोलंबस के बारे में भी इतिहास को तोड़ मरोड़ कर प्रस्तुत किया गया है। परमार ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति और भारतीय ज्ञान परंपरा में अब ऐसे भ्रम को दूर करने के हर स्तर पर किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वजों के गौरव और सम्मान को जिन लोगों ने दबाकर रखा था और हम तक पहुंचने में रुकावट उत्पन्न की थी अब उस गौरव और सम्मान को वापस लाने का प्रयास किया जा रहा है और उन गलतियां को हर स्तर पर दूर करने की कोशिश की जा रही है।

94 को पीएचडी की उपाधि, 34 को गोल्ड मेडल दिया

दीक्षांत समारोह में कुल 94 शोधार्थियों को पीएचडी की उपाधि के साथ ही एक डीएससी उपाधि से सम्मानित किया गया। इसके साथ ही स्नातक और स्नातकोत्तर में डिग्रियां प्रदान की गई है। दीक्षांत समारोह के दौरान 34 विद्यार्थियों को उनकी उपलब्धियां के लिए गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया है।

स्वस्तिवाचन के साथ किया प्रवेश

बरकतउल्ला विश्वविद्यालय की शोभा यात्रा ने स्वस्तिवाचन के साथ कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में प्रवेश किया। फिर राज्यपाल व कुलाधिपति मंगुभाई पटेल से बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रोफेसर सुरेश कुमार जैन ने अनुमति प्राप्त कर दीक्षांत समारोह की प्रक्रिया आरंभ की। विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रोफेसर जैन ने विद्यार्थियों को दिए उपदेश में शपथ का वाचन कराया। शपथ के अंतर्गत तैतरेय उपनिषद के 11 वें अनुच्छेद से लिए गए अंश का संस्कृत में विद्यार्थियों से वाचन कराया गया। कार्यक्रम शुरू होने के पहले राज्यपाल मंगु भाई पटेल मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के मंच परआने के बाद पुलिस बैंड द्वारा राष्ट्रगान जन मन गण की धुन प्रस्तुत की गई।

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