E Bus
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घाटे की भरपाई की प्रक्रिया पर आपत्ति
योजना में एक एजेंसी बस खरीदकर उसका संचालन प्रति किलोमीटर के अनुसार करेगी। वहीं, बस में यात्रियों से किराया वसूली का काम दूसरी एजेंसी देखेगी। इसमें संचालन करने वाली कंपनी को तय राशि का भुगतान हर महीने किया जाना है। यदि बस के संचालन से कमाई नहीं होती है तो उसके संचालन के लिए केंद्र सरकार ने पेमेंट सिक्योरिटी मैकेनिज्म की शर्त जोड़ी है। इसमें कमाई के बाद घाटे की भरपाई राज्य के कंसोलिडेटेड फंड से करने की शर्त जोड़ी गई है। इसके पीछे का कारण घाटा होने पर बसों का संचालन बंद करने जैसी स्थिति नहीं निर्मित होने देना है। बता दें, संचालन कंपनी को स्टैंडर्ड बस के लिए 24, मिडी बस के लिए 22 और मिनी बस के लिए 20 रुपये प्रति किलोमीटर भुगतान करेगी। टेंडर कंपनी को दस साल मिलने वाली राशि में हर साल बढ़ोतरी भी होगी।
इंदौर को 150 और भोपाल को 100 बसें
प्रदेश के छह शहरों को 552 बसें मिलेगी। इसमें इंदौर को 150 के अलावा भोपाल, जबलपुर, उज्जैन को 100, ग्वालियर को 70 और सागर को 32 बसें मिलेंगी। अभी इंदौर में करीब 40 ई बसें चल रही हैं। इंदौर में बस के संचालन की दर प्रति किलोमीटर 76 रुपये है। इंदौर में प्राइम रूट पर बस संचालकों से राशि ली जा रही है, जबकि कम सवारी वाले रूट पर बसों को प्रति किलोमीटर से चलाकर घाटे का भुगतान किया जा रहा है।