शांतिबाई ने बताया कि उनके ही परिवार के कुछ लोगों ने धोखे से उनकी कृषि भूमि पर कब्जा कर लिया है, जिससे वे वर्षों से खेती नहीं कर पा रहीं। उन्होंने यह भी बताया कि गलत सीमांकन दिखाकर उनकी जमीन को बेच दिया गया है और उन्हें अपने मकान में भी रहने नहीं दिया जा रहा है। जबकि नामांतरण आदेश हो चुका है, फिर भी उनके पोते सत्यम का नाम अब तक रिकॉर्ड में दर्ज नहीं किया गया है। कलेक्टर सूर्यवंशी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए मौके पर ही संबंधित पटवारी से जवाब तलब किया और तत्काल नामांतरण की प्रक्रिया पूरी करवाई। साथ ही, खसरा नकल की प्रति शांतिबाई को सौंपी गई।
इसके बाद कलेक्टर ने स्वयं शांतिबाई और उनके पोते सत्यम को अपनी गाड़ी में बैठाकर उनकी कृषि भूमि तक पहुंचाया और दस्तावेजों की जांच की। जांच में पाया गया कि भूमि का सीमांकन जानबूझकर गलत दिखाया गया था और उसी आधार पर उसे बेचा भी गया। कलेक्टर ने तहसीलदार को निर्देशित किया कि रजिस्ट्री की त्रुटि को तुरंत सुधारा जाए, सही सीमांकन कराया जाए और शांतिबाई को बराबरी से उनका हिस्सा दिलाया जाए। मौके पर ही कब्जा दिलवाया गया।
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निरीक्षण के दौरान खेत में बना कुआं क्षतिग्रस्त पाया गया, जिस पर कलेक्टर ने ग्राम पंचायत सचिव को मनरेगा योजना के तहत उसकी मरम्मत जल्द शुरू करने के निर्देश दिए। शांतिबाई का मकान भी जर्जर अवस्था में पाया गया, जिस पर उन्होंने उसकी मरम्मत और छत को जनसहयोग से बदलवाने के निर्देश दिए। साथ ही मकान के पीछे किए गए अतिक्रमण को भी हटवाया गया।
ग्रामीणों से संवाद करते हुए कलेक्टर ने आग्रह किया कि शांतिबाई को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए सभी सहयोग करें और किसी भी समस्या की सूचना तत्काल तहसील कार्यालय को दें। कलेक्टर ने शांतिबाई के पोते सत्यम को मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना सहित अन्य शासकीय योजनाओं का लाभ दिलाने के निर्देश भी संबंधित विभाग को दिए। उल्लेखनीय है कि सत्यम के पिता का निधन हो चुका है और उसका पालन-पोषण शांतिबाई ही कर रही हैं।
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समस्या के त्वरित और सम्मानजनक समाधान पर शांतिबाई ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा, मैंने कभी नहीं सोचा था कि मेरी वर्षों पुरानी समस्या इतनी जल्दी हल हो जाएगी। इसके लिए मैं शासन और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का धन्यवाद करती हूं। कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी ने कहा, शांतिबाई की भूमि को गलत तरीके से बेचा गया था। हमने मौके पर जाकर उन्हें कब्जा दिलवाया, सीमांकन करवाया और अब उन्हें व उनके पोते को शासकीय योजनाओं का भी लाभ दिलाया जाएगा।
