मध्य प्रदेश के बैतूल में पुलिस ने हत्या के एक मामले का खुलासा किया। एक साल पहले हुई घटना के प्रतिशोध में आरोपियों ने एक युवक की हत्या कर शव को जला दिया था। पुलिस ने डीएनए परीक्षण के माध्यम से मृतक की पहचान की और छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
तभी बैतूल कोतवाली में रिंकेश चौहान नामक युवक की गुमशुदगी दर्ज थी। परिजनों ने बताया कि वह हमेशा अपने हाथ में स्टील का कड़ा पहनता था। पुलिस ने डीएनए परीक्षण के लिए मृतक के परिजनों के नमूने लिए और जांच के बाद पुष्टि हुई कि शव रिंकेश चौहान का था। पुलिस जांच में सामने आया कि एक साल पहले आरोपी आशीष परते के साथ मारपीट की गई थी। इस घटना का वीडियो वायरल होने से आशीष और उसका परिवार आहत था। उस समय मृतक रिंकेश चौहान इस घटना में शामिल था और जमानत पर बाहर था।
30 नवंबर 2024 को रिंकेश न्यायालय में पेशी के बाद मुलताई मेले में गया और फिर झिटापाटी गांव में अपने दोस्त गब्बर के घर रुका। इस जानकारी को आरोपी आशीष के भतीजे नितिन ने साझा किया, जिससे रिंकेश की लोकेशन का पता चला। इसके बाद आरोपियों ने उसे अगवा करने की योजना बनाई और बेरहमी से पीटा। आरोपी आशीष परते, नितिन, प्रदीप, मनीष, शिवा धुर्वे, एक नाबालिग और ड्राइवर मिंचू ने मिलकर रिंकेश को पकड़ लिया। उसे पाढर वाइन शॉप के पीछे स्थित टेकरी पर ले जाकर दिनभर प्रताड़ित किया गया। शाम होते ही आशीष ने टायर और 15 लीटर डीजल की व्यवस्था की। आरोपियों ने रिंकेश को जंगल में जठान देव मंदिर के पास ले जाकर फिर से पीटा और उसकी हत्या कर दी। बाद में शव को लकड़ियों और टायरों के नीचे रखकर डीजल डालकर आग लगा दी और मौके से फरार हो गए।
लगभग चार महीने की गहन जांच के बाद पुलिस ने सभी छह आरोपियों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया। उनके खिलाफ सुसंगत धाराओं में मामला दर्ज कर न्यायालय में पेश किया गया है।बैतूल एसपी निश्चल एन झारिया का कहना है कि अर्जुनगोंदी के जंगल में जली हुई खोपड़ी और हड्डियां मिली थीं। डीएनए परीक्षण के आधार पर मृतक की पहचान की गई। जांच में पता चला कि हत्या एक साल पहले वायरल हुए वीडियो से उपजी रंजिश के कारण की गई थी। मामले में शामिल सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।