
Daughter Performed Last Rites: कहा जाता है कि आज के इस दौर में कई बेटे अपने माता-पिता की सेवा नहीं करते और उनकी मौत के बाद अपना फर्ज निभाने में भी आनाकानी करते हैं, लेकिन जिला बड़वानी की तहसील अंजद में रूढ़िवादी परंपरा से आगे बढ़कर एक बेटी ने अपने पिता की मृत्यु के बाद उनको श्मशान घाट तक कंधा दिया और रीति-रिवाज के अनुसार अंतिम संस्कार भी किया।

देश में बेटियों ने समाज की कई रूढ़िवादी परम्पराओं को तोड़ा है। उन्हीं परम्पराओं में से एक परंपरा है महिलाओं का श्मशान घाट पर नहीं जाना, लेकिन इस परंपरा को जिले की तहसील अंजद के शिक्षक कॉलोनी की रहने वाली बेटी प्रियंका चौहान ने तोड़ दिया है। उसने न सिर्फ अपने पिता की अर्थी को कंधा दिया बल्कि उनकी चिता को मुखाग्नि भी दी।
पिता की दो बेटियां
अंजद निवासी रामेश्वर चौहान की दो बेटियां हैं जिसमें बड़ी की शादी हो गई एवं छोटी बेटी प्रियंका चौहान है। रामेश्वर चौहान जनपद में पीसीओ के पद पर कार्यरत थे। वह करीब आठ माह कैंसर से पीड़ित थे। बुधवार रात उनका निधन हो गया।

बेटी ने किया पिता का अंतिम संस्कार
हालांकि रामेश्वर चौहान के अंतिम संस्कार की बारी आई तो उनकी बेटी ने अंतिम संस्कार करने की इच्छा जाहिर की। जिसे परिजनों ने मान लिया और बेटी ने तमाम रूढ़िवादी व्यवस्थाओं को तोड़ते हुए अपने पिता का अंतिम संस्कार किया। यही नहीं उसने बताया कि वह अपने पिता के अंतिम क्रिया के सभी अनुष्ठानों को सफलतापूर्वक करेगी।