हड्डियों और जोड़ों में लचीलापन
इंडियन एक्सप्रेस की खबर में डॉ. सिद्धार्थ शाह बताते हैं कि रीढ़ की हड्डी को मजबूत, लचीलापन और पॉश्चर को सही करने के लिए बस फर्श पर 30 मिनट के लिए क्रॉस लेग कर एक ही स्थिति में बैठ जाइए. क्रॉस लेग का सीधा सा मतलब है फर्श पर पालथी मारकर बैठ जाइए. एक तरह से योगा पोज बना लीजिए. फर्श पर क्रॉस लेग करके बैठने से पीठ, कूल्हों और पैरों की मांसपेशियों में खिंचाव होता है जिससे हड्डियों के जोड़ों में लचीलापन आता है. इससे रीढ़ की हड्डियों में जो नेचुरल कर्व होता है, उसमें लोच लाता है और शरीर की मुख्य मांसपेशियों की ताकत में सुधार लाता है. डॉ. सिद्धार्थ ने बताया कि यदि आप कुछ दिनों तक लगातार ऐसा करेंगे तो जब आप चलेंगे तो इसमें बेहतर संतुलन कायम रहेगा. मरीजों पर किए गए प्रयोगों में यह साबित हो चुका है कि क्रॉस लेग स्थिति में बैठने से रीढ़ की हड्डियों में खून का प्रवाह बढ़ जाता है जिससे इसकी क्षमता में वृद्धि होती है.
तन के साथ मन को भी राहत
डॉ. सिद्धार्थ शाह के मुताबिक क्रॉस लेग बैठने से पीठ के मसल्स, हिप्स और पैरों में लचीलापन आता है जिससे रोजाना के मूवमेंट में बहुत मदद मिलती है. इससे हड्डियों में फ्रेक्चर का जोखिम कम हो जाता है. क्रॉस लेग स्थिति में बैठने से पॉश्चर सही से बन पाता है. अधिकांश लोगों की खराब पॉश्चर के कारण पीठ में इतना तेज दर्द होता है. इससे कोर मसल्स मजबूत होता है. क्रॉस लेग स्थिति पूरे शरीर में ब्लड फ्लो को बढ़ाता है जिससे ऑक्सीजन की सप्लाई सही से हो पाती है. सबसे अच्छी बात यह है कि कुछ दिनों तक क्रॉस लेग पोजिशन का अभ्यास करने के बाद पूरा शरीर सहज होने लगता है जिससे बेहद रिलेक्स महसूस होता है. इससे किसी चीज पर ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलती है. इसके अलावा तनाव और एंग्जाइटी दूर होती है. लगातार इसका अभ्यास करने से मन-शरीर और आत्मा में संतुलन कायम होता है.