बाबा महाकाल की भस्म आरती हनुमान के भेष में सजे बाबा महाकाल

Baba Mahakal Bhasma Aarti Baba Mahakal dressed as Hanuman devotees were astonished to see him in his new form

बाबा महाकाल का हनुमान स्वरूप

प्रत्येक विशेष पर्व पर बाबा महाकाल का अलग-अलग स्वरूपों में श्रृंगार किया जाता है। कभी बाबा महाकाल अर्धनारीश्वर स्वरूप में दर्शन देते हैं तो कभी भगवान श्रीराम के रूप में। लेकिन आज यानी मंगलवार को भगवान श्री महाकाल ने श्री हनुमान स्वरूप में भक्तों को दर्शन दिए। सुबह भस्म आरती के दौरान जब भक्तों को नए स्वरूप में भगवान के दर्शन हुए तो पूरा मंदिर परिसर जय श्री महाकाल की गूंज से गुंजायमान हो गया।

आषाढ़ शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के महासंयोग पर विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर मे मंगलवार सुबह चार बजे भस्म आरती के दौरान मंदिर के पट खुलते ही पण्डे पुजारी ने गर्भगृह में स्थापित सभी भगवान की प्रतिमाओं का पूजन कर भगवान महाकाल का जलाभिषेक दूध, दही, घी, शक्कर पंचामृत और फलों के रस से किया। इसके बाद प्रथम घंटाल बजाकर हरि ओम का जल अर्पित किया गया। कपूर आरती के बाद बाबा महाकाल को नवीन मुकुट धारण करवाया गया। आज के श्रृंगार की विशेष बात यह रही कि आज भस्मआरती में बाबा महाकाल का श्री हनुमान स्वरूप में श्रृंगार किया गया। उसके बाद महानिर्वाणी अखाड़े की ओर से भगवान महाकाल को भस्म अर्पित की गई। इस दौरान हजारों श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल के दिव्य दर्शनों का लाभ लिया, जिससे पूरा मंदिर परिसर जय श्री महाकाल व जय श्री हनुमान की गूंज से गुंजायमान हो गया।

श्री महाकालेश्वर मंदिर में लोडिंग वाहन दान में प्राप्त

श्री महाकालेश्वर मंदिर में नई दिल्ली से भस्मारती में दर्शन हेतु आये करण चांदनी ईसरानी ने अपने जन्मदिन के उपलक्ष्य में पुजारी महेश शर्मा व पुजारी अर्पित शर्मा की प्रेरणा से श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति को लगभग रुपये छह लाख 50 हज़ार का टाटा कंपनी का लोडिंग वाहन भेंट किया। इसे मंदिर प्रबंध समिति की ओर से भस्मारती प्रभारी उमेश पंड्या व रितेश शर्मा ने प्राप्त कर दानदाता का सम्मान किया गया। मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक मृणाल मीना ने बताया कि श्री महाकालेश्वर मंदिर की सभी व्यवस्थायें दान के माध्यम से ही संचालित होती हैं। श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा संचालित नि:शुल्क अन्नक्षेत्र, गौशाला, चिकित्सा आदि में भी अपनी श्रद्धानुसार दान भी करते हैं। समय-समय पर मंदिर के अधिकारी/ पुजारी/पुरोहितों/मंदिर प्रबंध समिति सदस्यो व कर्मचारियों के माध्यम से भी भक्तोंर को मंदिर में दान करने हेतु प्रेरित किया जाता है।

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