महाकाल मंदिर के पुजारी पंडित महेश शर्मा ने बताया कि भस्म आरती के लिए सुबह चार बजे मंदिर के पट खुलते ही पंडे-पुजारियों ने गर्भगृह में स्थापित सभी भगवान की प्रतिमाओं का पूजन कर भगवान महाकाल का जलाभिषेक किया। दूध, दही, घी, शक्कर और फलों के रस से बने पंचामृत को अर्पित कर अभिषेक किया गया। इसके बाद प्रथम घंटाल बजाकर ‘हरि ओम’ का जल अर्पित किया गया। कपूर आरती के बाद बाबा महाकाल को फूलों की माला धारण करवाई गई।
आज के श्रृंगार की विशेष बात यह रही कि बाबा महाकाल को आंकड़े की माला अर्पित की गई और नवीन मुकुट से श्रृंगारित किया गया। बाबा महाकाल को महानिर्वाणी अखाड़े द्वारा भस्म रमाई गई और फिर कपूर आरती कर भोग अर्पित किया गया। भस्म आरती में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे, जिन्होंने बाबा महाकाल के इस दिव्य स्वरूप के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया और भक्ति में लीन होकर “जय श्री महाकाल” का उद्घोष करने लगे।
2 टन का चिलर कॉपर पाइप कंप्रेसर दान किया गया
श्री महाकालेश्वर मंदिर में गाजियाबाद से पधारी श्रीमती उर्मिला देवी द्वारा 2 टन क्षमता और 200 लीटर पानी की क्षमता वाला चिलर, कॉपर पाइप कंप्रेसर सहित, भगवान श्री महाकालेश्वर के चरणों में अर्पित किया गया। इसे मानसरोवर भवन की छत पर आरओ प्लांट में लगाया गया। मंदिर प्रबंध समिति के उपप्रशासक एसएल सोनी द्वारा विधिवत रसीद प्रदान कर दानदाता का सम्मान किया गया।
स्वर्ण छत्र भेंट किया गया
श्री महाकालेश्वर मंदिर में छत्तीसगढ़ के रायपुर से पधारे तेजस सतपथी द्वारा भगवान श्री महाकालेश्वर को एक स्वर्ण छत्र भेंट किया गया, जिसका वजन लगभग 09.130 ग्राम है। इसे श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा विधिवत प्राप्त कर दानदाता का सम्मान किया गया और रसीद प्रदान की गई। यह जानकारी कोठार शाखा के मनीष पांचाल द्वारा दी गई।
वरिष्ठ अधिकारियों ने श्री महाकालेश्वर मंदिर क्षेत्र का निरीक्षण किया
श्री महाकालेश्वर मंदिर में व्यवस्थाओं के संबंध में मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष एवं कलेक्टर रोशन कुमार सिंह और प्रशासक प्रथम कौशिक द्वारा आयुक्त नगर पालिक निगम, उज्जैन स्मार्ट सिटी तथा उज्जैन विकास प्राधिकरण के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मंदिर के बाहरी एवं आंतरिक क्षेत्र का निरीक्षण किया गया। साथ ही आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने की व्यवस्था हेतु संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान किए गए।


