Baba Mahakal : भस्म आरती के दौरान बाबा महाकाल ने चंद्रमा और ॐ मस्तक पर शृंगार किया दिव्य दर्शन…

विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में वैशाख शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि मंगलवार पर बाबा महाकाल का विदेशी करंसी से विशेष शृंगार किया गया। इस दौरान भस्म आरती के लिए सुबह चार बजे मंदिर के पट खोले गए। पण्डे-पुजारियों ने गर्भगृह में स्थापित सभी भगवान की प्रतिमाओं का पूजन कर भगवान महाकाल का जलाभिषेक दूध, दही, घी, शक्कर फलों के रस से बने पंचामृत को अर्पित कर किया। इसके बाद प्रथम घंटाल बजाकर हरि ओम का जल अर्पित किया गया। कपूर आरती के बाद बाबा महाकाल को चांदी का मुकुट और रुद्राक्ष की माला धारण करवाई गई।

आज के शृंगार की विशेष बात यह रही कि बाबा महाकाल को मस्तक पर चंद्रमा और ॐ से सजाया गया। शृंगार के बाद बाबा महाकाल के ज्योतिर्लिंग को महानिर्वाणी अखाड़े द्वारा भस्म रमाई गई और फिर कपूर आरती कर भोग भी लगाया गया। भस्म आरती में बड़ी संख्या मे श्रद्धालु पहुंचे, जिन्होंने बाबा महाकाल के इस दिव्य स्वरूप के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया और बाबा महाकाल की भक्ति में लीन होकर जय श्री महाकाल का उद्घोष करने लगे।

श्री महाकालेश्वर मंदिर परिसर में मोबाइल उपयोग प्रतिबंधित

श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा लिए गए निर्णय के क्रम में, सुरक्षा व अन्य कारणों से मन्दिर परिसर में मोबाइल ले जाना, उपयोग करना प्रतिबंधित किया गया है। मंदिर परिसर में धार्मिक परंपरा, शुचिता व पवित्रता के चलते न सिर्फ उपयोग बल्कि मोबाइल रखे जाने पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। मोबाइल द्वारा नंदिहाल, गर्भगृह, दर्शन के समय फोटो लेने व वीडियो आदि बनाने से न सिर्फ अन्य यात्रीगण परेशान होते हैं अपितु दर्शन पंक्ति में अनावश्यक रुककर सभी को विलंब भी होता है। दर्शनार्थियों के मोबाइल आदि सुरक्षित रखने के लिए मंदिर के प्रवेश द्वार मानसरोवर भवन, बड़ा गणपति रोड द्वार क्रमांक 04, अवंतिका द्वार क्रमांक 01 पर लॉकर की व्यवस्था है, जिसमे श्रद्धालु सुविधापूर्वक मोबाइल रख कर रसीद प्राप्त करेंगे व दर्शन पश्चात रसीद जमाकर मोबाइल वापस प्राप्त कर सकते हैं। अतःपरिसर में मोबाईल का प्रयोग पूर्णतः प्रतिबंधित है। उपयोग करते पाए जाने पर दण्डात्मक कार्यवाही की जाएगी।

भस्म आरती के पहले हुआ पंचामृत स्नान।

भस्म आरती के पहले हुआ पंचामृत स्नान।

भस्म आरती के पहले हुआ पंचामृत स्नान।

भस्म आरती के पहले हुआ पंचामृत स्नान।

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