वारदात को अंजाम दे अर्धनग्न हालत में रास्ते पर छोड़कर भाग गए थे आरोपी
पुलिस के मुताबिक आरोपियों ने पीड़िता को अर्धनग्न और बेहोशी की हालत में धान के खेतों के पास ही फेंक दिया। स्थानीय लोग जब वहां से गुजरे तो उन्होंने पुलिस को फोन किया, जिसके बाद पीड़िता को मेड़ीकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती करवाया गया। पुलिस ने तत्काल एक्शन लेते हुए पूरे इलाके की घेरा बंदी की और एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था, जिसकी बाद में भागने की कोशिश करते हुए मौत हो गई थी।
क्षेत्र में तनाव की आशंका, पुलिस ने तैनात किया अतिरिक्त बल
आरोपी औऱ पीड़िता के पास के गांवों में ही है और अलग-अलग वर्ग के होने की वजह से क्षेत्र में तनाव का माहौल है। लड़की के चचेरे भाई ने बताया कि अलग-अलग समुदायों से आने के कारण इस घटना के बाद लोगों में एक दूसरे को लेकर संदेह की भावना आ गई ह। लेकिन सभी 24 गांवों के लोग हमारा समर्थन कर रहे हैं। आरोपी की मौत के बाद स्थानीय लोगों ने उसके जनाजे में शामिल होने से इंकार कर दिया और कब्रिस्तान में दफनाने से भी मना कर दिया है। हालांकि पु्लिस ने सतर्कता बरतते हुए क्षेत्र में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया है।
इतनी सुबह क्राइम सीन पर आरोपी को क्यों ले गई पुलिस
इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने बताया कि यह एक रूटीन होता है कि क्राइम की अच्छे से जांच करने के लिए हम आरोपी को घटना स्थल पर ले जाते हैं और उससे घटना को फिर से दोहराने के लिए कहते हैं। पुलिस अधिकारी डेका ने इतनी सुबह आरोपी को घटना स्थल पर ले जाने के बारे में पूछे जाने पर कहा कि शुक्रवार को दिन भर विरोध प्रदर्शनों के कारण बंद था। गैंगरेप की घटना के बाद स्थानीय लोग उग्र होकर आरोपी को सजा देने की मांग कर रहे थे। अगर हम दिन के उजाले में उसे वहां पर ले जाते तो लॉ एंड ऑर्डर की समस्या हो सकती थी। इसलिए हम उसे सुबह तीन बजे के आस पास लेकर गए थे।
मुख्यमंत्री बोले- असम में मूल निवासियों में डर, परेशानी में जी रहे लोग
इस घटना पर शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि में हमेशा कहता हुं कि असम में मूल निवासी जहां पर भी अल्पसंख्यक हैं वहां पर वह डर में जी रहे हैं। उन इलाकों में हमारे लोग परेशानी में जी रहे हैं।