रीडर पद पर पूर्व प्रभारी कुलपति द्विवेदी और प्रो. श्रीवास्तव की नियुक्ति निरस्त

Former in-charge Vice Chancellor Dwivedi and Prof. on the post of Reader. Srivastava's appointments cancelled

मप्र हाईकोर्ट
– फोटो : फाइल फोटो

हाईकोर्ट ने माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल के पूर्व प्रभारी कुलपति संजय द्विवेदी तथा प्रोफेसर पवित्र श्रीवास्तव की साल 2009 में रीडर पद पर हुई नियुक्तियों को नियम विरुद्ध माना है। हाईकोर्ट जस्टिस विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि नियुक्तियों में नियम का पालन नहीं किया गया। एकलपीठ ने दोनों की नियुक्ति को निरस्त करने के आदेश जारी किए हैं। बता दें कि वर्तमान में संजय द्विवेदी मास कम्यूनिकेशन विभाग में प्रोफेसर हैं तो पवित्र श्रीवास्तव पीआर विभाग के प्रमुख हैं।

प्रोफेसर आशुतोष मिश्रा की तरफ से दायर की गई याचिका में कहा गया था कि माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय में साल 2009 में विभिन्न विभागों में नियुक्तियों के लिए विज्ञापन जारी किए गए थे। याचिकाकर्ता ने भी दो विभाग में नियुक्ति के लिए आवेदन किया था। याचिका में कहा गया था कि नियुक्ति के लिए निर्धारित प्रक्रिया का पालन नहीं करते हुए रीडर के पद पर अनावेदकों की नियुक्ति की गई है।

याचिका में कहा गया था कि नियुक्ति प्रक्रिया के तहत विश्वविद्यालय अधिनियम 1990 की धारा 33(2) (क) के अनुसार सिलेक्शन कमेटी में तत्कालीन विभाग अध्यक्षों को शामिल करना अनिवार्य था। इसका चयन प्रक्रिया में पालन नहीं किया गया। संचार विभाग की तत्कालीन अध्यक्ष प्रोफेसर दविंदर कौर उप्पल तथा जनसंपर्क तथा विज्ञापन विभाग के अध्यक्ष शशिकांत शुक्ला को शामिल नहीं करते हुए सिलेक्शन कमेटी ने पांच उम्मीदवारों के साक्षात्कार लेकर संजय द्विवेदी तथा पवित्र श्रीवास्तव को रीडर पद पर चयनित कर लिया।

याचिका की सुनवाई के दौरान एकलपीठ ने पाया कि नियुक्ति प्रक्रिया का पालन नहीं करते हुए अनावेदकों का चयन किया गया है। एकलपीठ ने अनावेदकों की नियुक्तियों को निरस्त करने के आदेश जारी किए हैं। एकलपीठ ने पुनः विज्ञापन जारी करके नियुक्ति प्रक्रिया प्रारंभ करने निर्देश जारी किए हैं। याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता नित्यानंद मिश्र ने ने पैरवी की।

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