नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने कहा कि भाजपा अवसरवादी पार्टी है, यह लोगों से काम लेती है जिन लोगों ने पार्टी के लिए खून पसीना बहाया उन अच्छे लोगों की आज उपेक्षा हो रही है। आज लूट खासोट कर सरकार बन गई है। दीपक जोशी, भंवर सिंह शेखावत, सत्तन जी यदि कांग्रेस में आना चाहते है, तो उनका स्वागत है। उनको उनकी स्थिति के अनुसार पद प्रतिष्ठा देकर कांग्रेस द्वारा सम्मानित किया जाएगा।
आखिर क्यों बीजेपी वरिष्ठ नेता पार्टी से नाराज होकर जा रहे है?
बता दे 3 साल पहले तत्कालीन कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ 22 विधायक कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे। इसके इसके बाद प्रदेश में भाजपा ने सरकार बना ली थी और 22 विधायकों से यह आंकड़ा बढ़कर 29 विधायक को तक पहुंच गया था। जिन सीटों पर दूसरे दलों से आए नेता विधायक बन गए और वहां अब बीजेपी के पुराने कार्यकर्ता अपने आप को प्रेक्षित महसूस कर रहे हैं। दल-बदल वाली इन सीटों पर चुनावी साल में टिकट मिलना बीजेपी के पुराने कार्यकर्ताओं को मुश्किल लग रहा है, इसीलिए वे अब नया राजनीतिक ठिकाना तलाश कर रहे हैं।
मध्य प्रदेश के रायसेन जिले से एक पूर्व मंत्री भी आने वाले दिनों में कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं। सूत्रों की माने तो अगर इसी तरह से बीजेपी संगठन और सरकार उनकी उपेक्षा करता रहा तो वह जल्द ही कांग्रेस ज्वाइन कर सकते हैं। बता दे रायसेन जिले से गौरीशंकर शेजवार और सुरेंद्र पटवा पूर्व मंत्री हैं। सुरेंद्र पटवा वर्तमान भोजपुर विधानसभा सीट से भाजपा के विधायक हैं। वही गौरीशंकर शेजवार 2018 विधानसभा चुनाव हार गए और बैकफुट पर चल रहे हैं। सांची विधानसभा क्षेत्र से सिंधिया समर्थक मंत्री प्रभुराम चौधरी के भाजपा में शामिल होने के बाद से शेजवार और उनके बेटे की राजनीतिक भूमि को हासिए पर ला दियां है।