Acharya Vidyasagar Maharaj : आचार्य विद्यासागर महाराज ने ली समाधि

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आचार्य विद्यासागर महाराज ने ली समाधि, जैन समाज पहुंचा चन्द्रगिरि तीर्थ

इंदौर ऐसा एकमात्र शहर है जहां आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज (Acharya Vidyasagar Maharaj ) ने अपने साधु जीवन का सबसे अधिक वक्त बिताया है। 56 साल के साधु जीवन में उन्होंने 10 महीने से ज्यादा का समय इंदौर में बिताया। 19 साल के लंबे इंतजार के बाद साल 2020 में उनका आगमन अहिल्या की नगरी इंदौर में हुआ। इस दौरान इंदौर के भक्तों का सौभाग्य ऐसा जागा कि गुरु का सानिध्य 300 दिन से ज्यादा का मिल गया।

कोरोना संक्रमण की वजह से इंदौर को मिला सौभाग्य

साल 2020 में जब आचार्य विद्यासागर इंदौर आए तो कोरोना की वजह से लाकडाउन लगा। इस वजह से इंदौर की जनता को गुरु का यह प्रेम मिल पाया। जैन समाजजन कहते हैं कि गुरु के प्रति अपार स्नेह की वजह से इंदौर को यह सौभाग्य मिला।

चन्द्रगिरि तीर्थ में देह त्यागी

छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ स्थित चन्द्रगिरि तीर्थ (chandragiri dongargarh jain temple) में शनिवार देर रात 2:35 बजे श्री विद्यासागर जी महाराज ने अपना शरीर त्याग दिया। दिगंबर मुनि परंपरा के आचार्य ने पूर्ण जागृतावस्था में आचार्य पद का त्याग किया। इसके बाद तीन दिन का उपवास लिया और अखंड मौन धारण कर लिया। इसके बाद उन्होंने प्राण त्याग दिए। उनके शरीर त्यागने की खबर मिलने के बाद जैन समाज के लोग डोंगरगढ़ में जुटना शुरू हो गए हैं। आज दोपहर 1 बजे उनकी अंतिम संस्कार विधि होगी।

पीएम मोदी मिलने पहुंचे थे

पिछले साल 5 नवंबर को पीएम मोदी (pm modi) ने डोंगरगढ़ पहुंचकर मुनि श्री का आशीर्वाद लिया था। तब उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा था कि आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी का आशीर्वाद पाकर धन्य महसूस कर रहा हूं।

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