Makhan nagar:मुख्यमंत्री कन्या विवाह / निकाह योजना अंतर्गत सम्पन्न हुआ सामूहिक विवाह, 72 जोड़े बंधे परिणय सूत्र में

माखननगर जनपद पंचायत एवं नगर परिषद द्वारा सामुहिक रूप से कृषि उपज मंडी प्रांगण में सामाजिक न्याय विभाग द्वारा मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह योजना अंतर्गत सामूहिक विवाह कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें पात्र 72 जोड़ों का विवाह संपन्न हुआ। कार्यक्रम में क्षैत्रिय विधायक विजयपाल सिंह मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे वहीं इस दौरान एसडीएम,जनपद सीईओ संदीप डाबर एवं नगर परिषद सीएमओं जी एस राजपूत सहित नगर परिषद अध्यक्ष रीना आकाश तिवारी, जनपद अध्यक्ष सावित्री बाई परनामे सहित स्थानीय प्रशासन के अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे। जिनके द्वारा सभी नव विवाहित जोड़ों को 49-49 हजार रुपए के चेक भी प्रदान किए गए।

कांग्रेस चुनाव देखकर नकल रही 

विधायक विजयपाल ने कहा कि 2006 से लेकर आज तक अनेकों मोर्चों पर हमने ओर हमारे सीएम शिवराज सिंह चौहान ने मां, बहनों के सशक्तिकरण के लिए काम किया है। मैं कांग्रेस से इतना पूछना चाहता हूं कि उनकी सवा साल की सरकार ने संबल योजना के 16 हजार देना बंद क्यों कर दिया। बेटियों की शादी में उन्होंने घोषणा की, कि शिवराज से दोगुनी राशि देंगे। बेटियों की शादी हो गई, किसी को राशि नहीं मिली। मेरी तो जिंदगी का मकशद है मां, बहन और बेटी का सशक्तिकरण। लेकिन वो लोग जो चुनाव देखकर नकल कर रहे हैं। कई वादे कर रहे हैं। वो यह तो बता दें कि पुराने वादे कितने पूरे किए। गिन कर कहते थे, कि 10 दिन में कर्जा माफ नहीं तो मुख्यमंत्री बदल देंगे। क्या किसी किसान का कर्जा माफ हुआ। अपनी बहनों के लिए हमारी सरकार ने लाडली बहना योजना लेकर आयी। तो वह 1500 रूपए देने वाली नारी सम्मान योजना लेकर आ गए। न इस क्षैत्र में उनका विधायक है और न ही सांसद है। फिर कैसे विश्वास करे यह आपको सोचना है।

विधायक ने गिनाई सरकार की योजनाएं  

मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना महज एक योजना नहीं है। एक सामाजिक क्रांति की कड़ी है। यह सामाजिक क्रांति मैंने 2006 में शुरू की थी, लाडली लक्ष्मी योजना बनाकर। बेटा और बेटी में भेद ना करें। बेटी लखपति बन जाए। इसको और बढ़ाया। स्थानीय निकाय के चुनाव में 50 प्रतिशत आरक्षण बहनों को दिया। 

उनको राजनीतिक महत्व दिया। उसी का परिणाम है कि आज बढ़ी संख्या में मेयर हो, नगर पालिका अध्यक्ष हो, पार्षद, सरपंच चुन कर बहने आ रही है और स्थानीय सरकारें चला रही हैं। इसको हमने और आगे बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना लाई। ताकि बेटी का विवाह भी मा बाप पर बोझ ना बनें। इसलिए हमारी सरकार ने 2007 से मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना प्रारंभ की थी। इसको आगे बढ़ाते हुए हमने बहन-बेटियों के नाम पर भी संपत्ति आए। पहले पुरुषों के नाम पर ही संपत्ति होती थी। हमने यह किया कि बहनों के नाम पर रजिस्ट्री हो तो स्टाम्प शुल्क एक प्रतिशत लिया जाएगा। अब बहन और बेटियों के नाम पर संपत्ति अब आ रही है। इसको और आगे संबल योजना के माध्यम से आगे बढ़ाया, जिसमें हमने तय किया कि बेटा और बेटी को जन्म देन वाली गरीब और मजदूर बहन है। तो जन्म के पहले चार हजार और जन्म देने के बाद 12 हजार रुपये देंगे। ऐसे एक नहीं अनेकों कदम बहनों के सशक्तिकरण के लिए उठाए। लेकिन अब उससे एक कदम आगे बढ़कर हमने बनाई है। मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना है। जिसमें निम्न और मध्य वर्ग परिवार की बहनों के खाते में एक हजार रुपये डालने का फैसला लिया है। 10 जून को बहनों के खाते में राशि डाली जाएगी। यह एक श्रृखंला है। ऐसा नहीं है कि चुनाव देखा और घोषणा कर दी।

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