नर्मदापुरम में 5,700 से ज्यादा बोरियां गायब, जांच के बाद खुल सकते हैं बड़े राज

नर्मदापुरम – जिले में अनाज उपार्जन व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करते हुए ढ़ाई करोड़ रुपये मूल्य की मूंग के कथित घोटाले की जांच शुरू हो गई है। कलेक्टर सोनिया मीना ने 7 अगस्त 2025 को एसडीएम को पत्र क्रमांक/मूंग उपार्जन/ 25-26/465 जारी कर मामले की विस्तृत जांच के निर्देश दिए हैं।

क्या है मामला
आरोप का केंद्र आदि देव वेयरहाउस और सेवा सहकारी समिति बहारपुर हैं। निरीक्षण में पाया गया कि दोनों स्थानों पर कुल 5,719 बोरियां कम हैं, जिनकी कीमत करीब ₹2.5 करोड़ आंकी गई है।

कलेक्टर के पत्र में कहा गया है कि –

11, 17 और 28 जुलाई 2025 को जिला उपार्जन समिति ने निरीक्षण किया, जिसमें अमानक मूंग मिली।

22 जुलाई को नेफेड क्लस्टर हेड से पंचनामा मिला।

2 अगस्त को माखन नगर SWC प्रबंधक ने पंचनामा दिया।

4 अगस्त को प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर कलेक्टर ने जांच के आदेश दिए।

घोटाले की आहट
सूत्रों का दावा है कि वेयरहाउस और समिति में अमानक मूंग रखकर मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है। अगर जांच निष्पक्ष हुई, तो एक बड़ा घोटाला सामने आने की संभावना है।

सवाल खड़े कर रही घटनाक्रम की टाइमलाइन

1. 11–28 जुलाई – निरीक्षण में गड़बड़ी का पता।

2. 22 जुलाई – नेफेड का पंचनामा।

3. 2 अगस्त – SWC प्रबंधक का पंचनामा।

4. 4 अगस्त – अंतिम रिपोर्ट, कलेक्टर को भेजी गई।

5. 7 अगस्त – एसडीएम को जांच आदेश।

जिले के किसान संगठनों का कहना है कि अगर इस तरह के मामले पर सख्त कार्रवाई नहीं हुई तो न केवल किसानों का भरोसा टूटेगा, बल्कि सरकारी खरीदी प्रणाली की विश्वसनीयता भी सवालों के घेरे में आ जाएगी।

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