साल 2022 में केसीआर ने राष्ट्रीय राजनीति पर ध्यान केंद्रित करने के लिए टीआरएस का नाम बदलकर बीआरएस कर दिया। लेकिन राज्य में 10 साल तक शासन करने के बाद, पार्टी पिछले साल के अंत में कांग्रेस से चुनाव हारकर सत्ता से बाहर हो गई। केसीआर ने दो विधानसभा सीटों गजवेल और कामारेड्डी से चुनाव लड़ा। उन्होंने गजवेल को बरकरार रखा, लेकिन कामारेड्डी से पराजित हो गए। 1985 के बाद उनके लिए यह पहली चुनावी हार थी। केटीआर और हरीश राव ने अपनी-अपनी सीटें बरकरार रखीं।
इस समय चल रहे लोकसभा चुनाव में संकेत मिल रहा था कि कविता फिर से निज़ामाबाद से चुनाव लड़ेंगी, लेकिन केसीआर ने उन्हें मैदान में नहीं उतारने का फैसला किया। कविता को हाल ही में कथित दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति मामले में गिरफ्तार किया गया है। ऐसी भी अटकलें थीं कि केसीआर मेडक या मलकजगिरी से लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं, लेकिन उन्होंने राज्य की राजनीति पर ध्यान केंद्रित करने का फैसला किया।