राज्यसभा सदस्य रेणुका चौधर, एनआरआई सेल के नेता मंदा भीम रेड्डी और नांगी देवेंद्र रेड्डी ने आरोप पत्र जारी करते हुए उनके अधूरे वादों के संबंध में चार सवालों के जवाब मांगे।
उन्होंने कहा कि जब केंद्र सरकार ने न्यूनतम मजदूरी 30% घटाकर 50% कर दी, तो उन्होंने उनकी ओर से दलील तक नहीं दी और न ही केंद्र को ज्ञापन सौंपा। प्रवासी भीम योजना में भी प्राकृतिक मृत्यु को शामिल नहीं किया गया, जिससे खाड़ी प्रवासियों के जीवन को कमतर आंका गया।
उन्होंने यह भी कहा कि श्री अरविंद ने सऊदी अरब और कुवैत के वाणिज्य दूतावास खोलने के लिए केंद्र की भाजपा सरकार को एक पत्र भी नहीं लिखा, जबकि बड़ी संख्या में प्रवासी उन देशों से थे। कांग्रेस नेताओं ने कोविड-19 महामारी के दौरान खाड़ी देशों से लौटते समय भारत सरकार द्वारा प्रवासियों से हवाई यात्रा के किराए से पांच से छह गुना अधिक किराया वसूले जाने पर भी उनकी चुप्पी पर सवाल उठाया। उन्होंने तर्क दिया कि श्री अरविंद संसद सदस्य बनने के योग्य नहीं हैं।